नई दिल्लीः Corona Cases in India: देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. बीते 24 घंटों में देश में 6,050 कोविड केस सामने आए हैं. इसके बाद एक्टिव केस की संख्या 28 हजार के पार हो गई है. वहीं, दिल्ली में कोरोना के मामले 700 के पार हो गए हैं. शुक्रवार को राजधानी में 733 केस दर्ज किए गए.
देश में 14 मरीजों की कोरोना के चलते मौत
दिल्ली में 7 महीने बाद पहली बार 700 से ज्यादा मरीज मिले हैं. वहीं दो मरीजों की मौत भी हुई है. देश में भी 7 महीने बाद कोरोना के रोजाना के मामले 6 हजार के पार चले गए हैं. बीते 24 घंटे में देश में 14 मरीजों की कोरोना के चलते मौत हुई है.
वहीं, एक शोध में पता चला है कि ऑमिक्रॉन वैरिएंट के साथ अस्पताल में भर्ती वयस्कों में मौसमी इन्फ्लूएंजा के साथ अस्पताल में भर्ती होने वालों की तुलना में मृत्यु दर ज्यादा है.
इजरायल के अस्पताल में हुआ अध्ययन
इजराइल के बेलिनिसन अस्पताल में राबिन मेडिकल सेंटर के डॉ. अला आत्मना और उनके सहयोगियों की ओर से किए गए अध्ययन में पाया गया कि 2021-2022 के इन्फ्लूएंजा सीजन के दौरान ओमिक्रोन के साथ अस्पताल में भर्ती होने वालों की तुलना में इन्फ्लूएंजा के साथ अस्पताल में भर्ती वयस्कों में 30 दिनों के भीतर मरने की संभावना 55 प्रतिशत कम थी.
दोनों ही सांस के रोग हैं
इन्फ्लुएंजा और कोविड-19 दोनों श्वसन रोग हैं, जिनके संचरण के समान तरीके हैं. अधिक जानने के लिए शोधकर्ताओं ने अस्पताल में कोविड-19 (ओमिक्रॉन वेरिएंट) के साथ भर्ती मरीजों और इजरायल के एक बड़े शैक्षणिक अस्पताल में इन्फ्लूएंजा के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों के नैदानिक परिणामों की तुलना की.
30 दिनों में 63 लोगों की हुई मौत
कुल मिलाकर 30 दिनों के भीतर 63 रोगियों की मृत्यु हो गई, जिसमें 19 इन्फ्लुएंजा के साथ भर्ती हुए थे और 44 ओमिक्रोन के साथ अस्पताल में भर्ती हुए. मौसमी इन्फ्लूएंजा की तुलना में ओमिक्रोन मामलों में श्वसन संबंधी जटिलताओं और ऑक्सीजन समर्थन और यांत्रिक वेंटिलेशन की आवश्यकता भी अधिक आम थी.
ओमिक्रॉन के रोगियों में कोविड के खिलाफ टीकाकरण बहुत कम था
डॉ. आत्मना ने कहा कि उच्च ओमिक्रोन मृत्यु दर का एक संभावित कारण यह है कि ओमिक्रोन के साथ भर्ती मरीजों को मधुमेह और क्रोनिक किडनी रोग जैसी अतिरिक्त प्रमुख अंतर्निहित बीमारियां थीं. उन्होंने आगे कहा कि यह अंतर कोविड-19 में अत्यधिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण भी हो सकता है, और ओमिक्रॉन के रोगियों के बीच कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण बहुत कम था.
इस साल कोपेनहेगन में क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज (ईसीसीएमआईडी) की यूरोपियन कांग्रेस में पेश किए जाने वाले अध्ययन में कहा गया है कि ओवरलैपिंग इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 महामारी की दोहरी मार बीमारी की जटिलता और स्वास्थ्य प्रणालियों पर बोझ को बढ़ाएगी.
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