समलैंगिक जोड़ों की चिंताएं दूर करने करने के लिए केंद्र सरकार बनाएगी समिति, जानें मकसद

केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा. इस समिति का मुख्य मकसद समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे को छुए बिना उनकी कुछ चिंताओं को दूर करने के लिए प्रशासनिक उपाय तलाशना होगा.

Written by - Pramit Singh | Last Updated : May 3, 2023, 12:53 PM IST
  • पीठ में शामिल थे ये न्यायधिस
  • सुझाव दें सकते हैं याचिकाकर्ता
समलैंगिक जोड़ों की चिंताएं दूर करने करने के लिए केंद्र सरकार बनाएगी समिति, जानें मकसद

नई दिल्लीः  केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा. इस समिति का मुख्य मकसद समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने के मुद्दे को छुए बिना उनकी कुछ चिंताओं को दूर करने के लिए प्रशासनिक उपाय तलाशना होगा. 

क्या तुषार मेहता ने 
केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि सरकार इस संबंध में प्रशासनिक उपाय तलाशने को लेकर सकारात्मक है. यह पीठ समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. 

पीठ में शामिल थे ये न्यायाधीश
इसमें न्यायमूर्ति एस के कौल, न्यायमूर्ति एस आर भट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल हैं. मेहता ने पीठ से कहा कि प्रशासनिक उपाय तलाशने के लिए एक से ज्यादा मंत्रालयों के बीच समन्वय की जरूरत पड़ेगी. 

सुझाव दें सकते हैं याचिकाकर्ता
मामले में सातवें दिन की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ता इस मुद्दे पर अपने सुझाव दे सकते हैं कि समलैंगिक जोड़ों की कुछ चिंताओं को दूर करने के लिए क्या प्रशासनिक उपाय किए जा सकते हैं. 

न्यायालय ने केंद्र सरकार से पूछा सवाल
शीर्ष अदालत ने 27 अप्रैल को मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र से पूछा था कि क्या समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता दिए बिना ऐसे जोड़ों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा सकता है. 

न्यायालय ने किया सवाल
इस पर न्यायालय ने यह कहते हुए यह सवाल किया था कि केंद्र द्वारा समलैंगिक यौन साझेदारों के सहवास के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में स्वीकार करने से उस पर इसके सामाजिक परिणामों को पहचानने का संबंधित दायित्व बनता है. 

ये भी पढ़ेंः Sharad Pawar resigned: एनसीपी के भविष्य पर सस्पेंस बरकरार, जानें पल-पल की अपडेट

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़