फिर मुश्किल में लालू यादव और राबड़ी देवी, जानें क्या है जमीन के बदले नौकरी घोटाला

जमीन के बदले नौकरी घोटाले में सीबीआई ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है. आपको इस घोटाले के बारे में बताते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 7, 2022, 10:25 PM IST
  • जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामला
  • सीबीआई ने बढ़ाई लालू-राबड़ी की मुसीबतें
फिर मुश्किल में लालू यादव और राबड़ी देवी, जानें क्या है जमीन के बदले नौकरी घोटाला

नई दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav), उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) और 14 अन्य के खिलाफ रेलवे में उनके कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले में आरोपपत्र दाखिल किया है.

लालू की बेटी मीसा भारती की मुश्किल बढ़ी
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लालू की बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) और रेलवे के एक पूर्व महाप्रबंधक को भी हाल ही में सीबीआई (CBI) की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोप पत्र में आरोपी के रूप में नामित किया गया है.

केंद्रीय एजेंसी ने 23 सितंबर, 2021 को रेलवे में कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले से संबंधित प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे 18 मई को एक प्राथमिकी में बदल दिया गया था.

एजेंसी के अनुसार, उम्मीदवारों को कथित तौर पर रेलवे अधिकारियों द्वारा 'अनुचित हड़बड़ी' में आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर समूह डी पदों पर विकल्प के रूप में नियुक्त किया गया था और बाद में, 'व्यक्तियों ने स्वयं या उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी जमीन हस्तांतरित कर दी थी'.

एजेंसी का आरोप है कि यह हस्तांतरण राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती व हेमा यादव के नाम पर किया गया था. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर अधिग्रहित की थी.

क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला?
सीबीआई के सूत्रों ने ऐसा दावा किया है कि 'जमीन के बदले नौकरी घोटाले' में तकरीबन 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी की बात सामने आ सकती है. ये घोटाला 14 साल पुराना है, सीबीआई ने मामले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

सूत्रों ने ये दावा किया था कि इसमें जमीन के बदले नौकरी देने का खेल चल रहा था. इस घोटाले में अजीब बात ये सामने आई कि इस घोटाले में नौकरी के लिए जो लोग ज्यादा इच्छुक थे वो छपरा, पटना, गोपालगंज, दरभंगा और सीवान से संबंधित थे, जहां से लालू यादव के सांसद मौजूद थे.

अगर कोई नौकरी चाहता था और वो जमीन देने की स्थिति में नहीं था तो नौकरी के लिए 7 लाख रुपये का भुगतान करता था. अगर किसी परिवार के दो व्यक्ति को नौकरी चाहिए थी तो वो दो भूमि पार्सल या 14 लाख रुपये का भुगतान करता था.

जांच में ये आरोप भी सामने आया कि पटना के रहने वाले 12 लोगों को 6 अलग अलग-अलग जोन में ग्रुप डी के तहत रेलवे में नौकरी दी गई थी. ये बात भी सामने आई कि इन लोगों को 2008-09 के बीच मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर, हाजीपुर में नौकरी दी गई. अब जब सीबीआई ने मामले की जांच तेज कर दी और चार्जशीट दायर कर दी तो लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ गई.

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