नई दिल्ली: Bihar Caste survey:बिहार की नीतीश सरकार ने सोमवार को जातीय गणना के आंकड़े रिलीज कर दिए हैं. इन आंकड़ों की एक पूरी किताब जारी की गई है. इसे प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार जारी किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं. इसमें OBC का कुल आंकडा 63 फीसदी से अधिक है. यह आंकड़ा पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को मिलाकर है.
ये है श्रेणियों का प्रतिशत
जातीय गणना में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में हिंदू आबादी 82 फीसदी है. जबकि मुस्लिम आबादी 17.7 फीसदी है.
श्रेणी | प्रतिशत |
पिछड़ा वर्ग | 27.12% |
अत्यंत पिछड़ा | 36.01% |
अनुसूचित जाति | 19.65% |
अनुसूचित जनजाति | 1.68% |
सामान्य वर्ग | 15.52% |
ये है जातियों का प्रतिशत
गणना में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक आबादी यादवों की है. वे 14.26% हैं.
जाति | प्रतिशत |
कोइरी | 4.2% |
कुर्मी | 2.8% |
कायस्थ | 0.60% |
मोची,रविदास | 5.2% |
ब्राह्मण | 3.65% |
भूमिहार | 2.86% |
मुसहर | 3.08% |
राजपूत | 3.45% |
बनिया | 2.31% |
मल्लाह | 2.60% |
यादव | 14.26% |
इतने महिला और पुरुष हैं
जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 6 करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 पुरुष हैं. जबकि 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 महिलाएं हैं. अन्य श्रेणी के लोगों की संख्या 82 हजार 836 है. यानी 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं.
दो चरणों में हुई जातीय गणना
जातीय गणना का पहला चरण 7 जनवरी को शुरू होकर 21 जनवरी 2023 तक चला. इसमें में मकानों को गिना गया और उनका सूचीकरण हुआ.
जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू होकर 15 मई 2023 तक चला. इसमें परिवारों की संख्या और आय संबंधी आंकड़े दर्ज किए गए.
हाईकोर्ट में भी गया था मामला
पटना हाईकोर्ट में जातीय गणना को रोकने के लिए अपील दायर की गई थी. लेकिन हाईकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए कहा, 'सरकार चाहे तो गणना करा सकती है.' सुनवाई के दौरान गणना रोक दी गई थी. लें जैसे ही फैसला आया, नीतीश सरकार ने तुरंत प्रभाव से इस काम को फिर से शुरू किया.
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