नई दिल्लीः ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि केंद्र सरकार की ‘आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना’ 2023-24 के बजट में बढ़ा हुआ आवंटन प्राप्त करने के बावजूद कवरेज की दृष्टि से नवीन पटनायक सरकार की ‘बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना’ (बीएसकेवाई) के समतुल्य नहीं है.
केंद्र सरकार ने कई मौकों पर ओडिशा सरकार से ‘आयुष्मान भारत योजना’ लागू करने का आग्रह किया था, लेकिन राज्य ने यह कहते हुए इसका विरोध किया है कि स्वदेशी कार्यक्रम अधिक फायदेमंद है.
'झूठे लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही सरकार'
बीजद नेता श्रीमय मिश्रा और गौतमबुद्ध ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा की प्रदेश इकाई ‘झूठे दावों से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है, जिनमें से एक दावा यह भी है कि इस (आयुष्मान भारत) तरह की केंद्रीय स्वास्थ्य योजना राज्य सरकार के कार्यक्रम से बेहतर सहायता प्रदान करती है.’
मिश्रा ने बताया, ‘ओडिशा सरकार बीएसकेवाई के तहत लगभग 6,000 करोड़ रुपये खर्च करती है, जो औसतन राज्य के हर जिले के लिए 200 करोड़ रुपये वार्षिक कवरेज सुनिश्चित करती है.’
'अंग प्रत्यारोपण के लिए सरकार अधिक आर्थिक सहायता देती है'
इसके अलावा उन्होंने बताया कि केंद्रीय योजना के तहत एक महिला केवल पांच लाख रुपये के उपचार का लाभ उठा सकती है, जो बीएसकेवाई के तहत मिलने वाली राशि का आधा है. उन्होंने कहा कि इसी तरह अंग प्रत्यारोपण के लिए भी राज्य सरकार की ओर से संचालित योजना अधिक सहायता प्रदान करती है.
उन्होंने कहा, ‘क्या भाजपा नेता इन आंकड़ों का खंडन कर सकते हैं? क्या उनमें साहस है? वे न करेंगे, न कर सकते हैं. भाजपा निहित राजनीतिक स्वार्थों के लिए झूठी कहानी गढ़ रही है.’
दावों पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समीर मोहंती ने कहा कि राज्य सरकार को ‘बड़े-बड़े दावे करने’ से पहले बीकेएसवाई के तहत लाभार्थियों के नाम जारी करने चाहिए. उन्होंने कहा, ‘बीजद हमारी पार्टी के खिलाफ राजनीति से प्रेरित आरोप लगा रही है.’
(इनपुटः भाषा)
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