नई दिल्लीः केरल की वाम सरकार ने कथित रूप से अडाणी बंदरगाह के निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों की ओर से विझिंजम में एक पुलिस थाने पर हमले को सोमवार को 'अस्वीकार्य' बताया. वहीं, बंदरगाह के निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे लैटिन कैथोलिक गिरजाघर ने दावा किया कि इस हमले के पीछे 'बाहरी ताकतों' का हाथ है तथा उसने इसकी न्यायिक जांच की मांग की.
निंदनीय हैं हिंसक घटनाएंः माकपा
सत्तारूढ़ माकपा का कहना है कि तटवर्ती क्षेत्रों में हाल के दिनों में हुईं हिंसक घटनाएं निंदनीय हैं और दावा किया कि निजी हित से प्रेरित कुछ 'रहस्यमयी ताकतें' वहां दंगों जैसी स्थिति पैदा करने का प्रयास कर रही हैं. माकपा के राज्य सचिवालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, 'प्रदर्शनों के नाम पर कुछ लोग तटवर्ती क्षेत्रों में संघर्ष पैदा करने के लिए हिंसा का सहारा ले रहे हैं और राज्य सरकार को उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.'
कांग्रेस नीत यूडीएफ ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उसने शनिवार को विझिंजम में हुई हिंसा को लेकर मेट्रोपॉलिटन आर्चबिशप थॉमस जे. नेट्टो और पादरी यूजीन पेरेरा सहित लैटिन कैथोलिक चर्च के कम से कम 15 पादरियों को गिरफ्तार करके प्रदर्शनकारियों को उकसाया है.
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों से कहा, 'अगर प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों के लिए प्रदर्शन का नेतृत्व करने वालों (पादरियों) को जिम्मेदार बताया जाता है तो क्या पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रदर्शनों और अन्य गतिविधियों के लिए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और माकपा के राज्य सचिव एम. वी. गोविंदन जिम्मेदार होंगे?'
'पुलिस पर हमला अस्वीकार्य'
कांग्रेस नेता ने विजयन को सलाह दी कि वे अपना अहम छोड़कर प्रदर्शन कर रहे लोगों से मिलें और सीधी बातचीत करके इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए उन्हें मनाएं. केरल के बंदरगाह मंत्री अहमद देवरकोविल ने कहा कि जहां तक प्रदर्शन का संबंध है तो सरकार अब तक ‘बहुत संयमित’ थी लेकिन अगर आंदोलन ‘आपराधिक प्रकृति’ का होता है, जहां पुलिसकर्मियों पर हमला किया जाता तथा पुलिस की संपत्ति को नष्ट किया जाता है तो यह ‘अस्वीकार्य’ है.
भीड़ ने किया हमला
उन्होंने कोझीकोड में पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘केरल जैसे धर्मनिरपेक्ष राज्य में हम किसी तरह के सांप्रदायिक संघर्ष को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ मंत्री ने दावा किया कि भीड़ ने उन मकानों तथा प्रतिष्ठानों पर हमला किया, जो उनके समुदाय के नहीं थे. उन्होंने कहा, ‘हम राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे.’
'हिंसा के पीछे बड़ी ताकतों का हाथ'
यह ध्यान दिलाए जाने पर कि लातिन कैथोलिक गिरजाघर ने हिंसा के पीछे बाहरी ताकतों का हाथ होने का दावा किया है, देवरकोविल ने कहा कि सरकार को कई रिपोर्ट मिली हैं और इनकी जांच की जा रही हैं. प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे फादर यूजीन परेरा ने दावा किया कि पिछले दो दिन में बंदरगाह संबंधित हिंसा के पीछे ‘बाहरी ताकतों’ का हाथ है और इन घटनाओं की न्यायिक जांच होनी चाहिए.
'आपसी सौहार्द्र से निपट जाएगा मामला'
साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस थाने पर हमला, पुलिसकर्मियों को घायल करना और संपत्ति को नुकसान पहुंचाना तर्कसंगत नहीं है. राज्य के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं ऐसे वक्त में हो रही हैं, जब परियोजना का निर्माण कार्य पूरा होने की कगार पर है. उन्होंने आशा जताई कि पूरा मामला आपसी सौहार्द्र से निपट जाएगा.
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