पांच सौ रुपये लेकर बांग्लादेशियों का बनाता था आधार कार्ड, पुलिस ने ऐसे किया भंडाफोड़

पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो कि बांग्लादेश से आए लोगों को कथित तौर पर आधार कार्ड और नागरिकता संबंधी अन्य दस्तावेज़ हासिल करने में मदद करता था. गिरोह के लोग इसके लिए पांच सौ से एक हजार रुपये वसूलता था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 11, 2022, 05:23 PM IST
  • पांच सौ रुपये में बनाता था फर्जी आधार कार्ड
  • पुलिस ने ऐसे किया गिरोह का भंडाफोड़
पांच सौ रुपये लेकर बांग्लादेशियों का बनाता था आधार कार्ड, पुलिस ने ऐसे किया भंडाफोड़

बेंगलुरू: अवैध प्रवासियों खासकर बांग्लादेश से आए लोगों को कथित तौर पर आधार कार्ड और नागरिकता संबंधी अन्य दस्तावेज़ हासिल करने में मदद करने पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर और फार्मासिस्ट सहित नौ सदस्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया गया. बेंगलुरू ग्रामीण पुलिस ने यह जानकारी दी. पुलिस के मुताबिक, गिरोह ने चार करोड़ रुपये बांग्लादेशी मुद्रा में बदल दिये और एक साल में पड़ोसी देश में स्थानांतरित कर दिये थे.

पुलिस का बयान

पुलिस ने कहा, इसी साल 15 अप्रैल को मदनायकनहल्ली थाना क्षेत्र के चिक्कागोलाराहट्टी गांव में एक एटीएम से 18 लाख रुपये की लूट हुई. इस सिलसिले में पुलिस ने शेख इस्माइल किताब अली को बांग्लादेश से गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान किताब अली ने सैयद अकून उर्फ शाहिद अहमद के बारे में खुलासा किया जो त्रिपुरा सीमा से अवैध रूप से भारत आया था और यहां एक कबाड़ और प्लास्टिक कचरे की कंपनी शुरू की थी.

अकून दलालों के माध्यम से अपने खाते से भारतीय रुपये को बांग्लादेशी मुद्रा में परिवर्तित करता था और धन को अपने मूल देश में स्थानांतरित करता था. जानकारी के आधार पर, पुलिस ने उसके बेटे सुमन इस्लाम को मदनायकनहल्ली पुलिस थाना क्षेत्र के होट्टप्पनपाल्या से गिरफ्तार किया.

पूछताछ में आरोपी ने किया बड़ा खुलासा

पूछताछ के समय सुमन ने खुलासा किया कि वह बीबीएमपी के लेटर-हेड, मुहर और बीबीएमपी स्वास्थ्य अधिकारियों के हस्ताक्षर का उपयोग कर बेंगलुरु के एक सार्वजनिक केंद्र में दस्तावेज़ जमा कर आधार कार्ड प्राप्त कर लेते थे.

इसके बाद, पूछताछ के दौरान ढाका के कुल्ला निवासी मोहम्मद अब्दुल अलीम को गिरफ्तार किया गया. वह बीबीएमपी लेटर-हेड और मुहर का उपयोग करके अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड दिलाने में मदद करता था. इसके लिए वह उनसे पांच सौ रुपये से लेकर एक हज़ार रुपये तक वसूलता था.

अलीम के द्वारा दी गयी जानकारी के बाद, पुलिस ने सुहैल अहमद, मोहम्मद हिदायत, आयशा, मोहम्मद अमीन सैत, राकेश, सैयद मंसूर और इश्तियाक पाशा उर्फ ​​मेडिकल पाशा को गिरफ्तार किया, जो देवरा जीवनहल्ली थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं.

ये चीजें हुईं बरामद

पुलिस के मुताबिक, पुलिस ने कहा कि उन्होंने पांच बीबीएमपी अस्पतालों में स्वास्थ्य अधिकारियों की पांच मुहरें, नकली मुहर बनाने के लिए 26 फर्जी लेटर-हेड, 16 मोबाइल फोन, तीन सीपीयू, दो लैपटॉप, दो प्रिंटर, 31 आधार कार्ड, 13 पैन कार्ड, 28 मतदाता पहचान पत्र, चार ई-श्रम कार्ड, पांच ड्राइविंग लाइसेंस, तीन आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड, दो एटीएम कार्ड, तीन मतदाता पहचान पत्र आवेदन पत्र-6, आधार नामांकन के लिए 92 प्रमाण पत्र / आरोपी से बीबीएमपी चिकित्सा अधिकारियों की मुहर के साथ अद्यतन प्रपत्र जब्त किए हैं.

पुलिस ने बताया कि फरार लोगों की तलाश की जा रही है. पुलिस ने कहा कि सरगना के तीन बैंक खाते हैं. इन खातों से, पैसा कोलकाता, चेन्नई और पंजाब के विभिन्न अन्य खातों में स्थानांतरित किया गया था. इसके अलावा, भारत-बांग्लादेश सीमा में व्यापार करने वालों की मदद से भारतीय मुद्रा को बांग्लादेशी मुद्रा में परिवर्तित किया गया और फिर इसे बांग्लादेश भेज दिया गया.

कर्नाटक के गृह मंत्री ने दिया बयान

पुलिस ने एक बयान में कहा “यह पता चला है कि एक साल में उसने बांग्लादेशी मुद्रा में चार करोड़ रुपये परिवर्तित किए और इसे अपने मूल देश में स्थानांतरित कर दिया. पूरे भारत में कम से कम 13 बैंक खातों को जब्त करने और उनकी जांच करने की आवश्यकता है.”

कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए बेंगलुरु ग्रामीण पुलिस की सराहना की. यह मामला जम्मू-कश्मीर के आतंकी तालिब हुसैन गुर्जर की बेंगलुरु में गिरफ्तारी के बाद सामने आया था. आतंकी पिछले आठ साल से शहर की एक मस्जिद में छिपा हुआ था और हर शुक्रवार को उपदेश देता था.

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