नई दिल्ली. लीबिया की त्रिपोली जेल से पिछले महीने छोड़े गए 17 भारतीय युवा रविवार रात को भारत वापस लौट आए. स्वदेश पहुंचने के बाद परिवार से मिलते ही ये सभी युवा बेहद इमोशनल हो गए. बीते 6 महीने से ये सभी लीबिया में ही थे और धोखेबाज ट्रैवेल एजेंट्स का शिकार हो गए थे. ट्रैवेल एजेंट्स द्वारा इन युवाओं को इटली भेजे जाने का वादा किया गया था. लेकिन ये बीच में ही फंस गए. ज्यादातर युवा पंजाब और हरियाणा के रहने वाले हैं.
इटली भेजने के नाम पर हुई थी धोखाधड़ी
इनमें से हर युवा से ट्रैवेल एजेंट्स ने इटली भेजने के 11 लाख रुपये लिए थे. इन्हें इटली में बेहतरीन जॉब के ऑफर दिए गए थे. सभी ने बीती 23 फरवरी को भारत छोड़ा था. एजेंट्स पहले इन्हें दुबई, मिस्र और फिर लीबिया लेकर गए थे. लीबिया में कई दिन तक फंसे रहने के बाद वहां की पुलिस ने युवकों को गिरफ्तार कर लिया था. बीती 31 जुलाई को इन्हें लीबिया की जेलों से छोड़ा गया था.
VIDEO | 17 Indian youths, mostly from Punjab and Haryana, who were released from Tripoli Jail in Libya last month, returned to Delhi on Sunday night. They were in Libya for the past six months because of unscrupulous travel agents who duped them on the pretext of sending them to… pic.twitter.com/BhoXOJibrQ
— Press Trust of India (@PTI_News) August 21, 2023
परिजनों से टूट गया था संपर्क
परिजनों का संपर्क युवकों से टूट गया था और वो बुरी तरह घबराए हुए थे. परेशाना परिजनों ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर से गुहार लगाई थी. बाद में परिजन अनिल विज से भी मुलाकात हुई थी. बाद में यह मामला विदेश मंत्रालय तक पहुंचा और केंद्र सरकार ने प्रयास शुरू किए. लंबे प्रयास के बाद इन्हें रिहा कराया गया.
जब इन युवाओं को त्रिपोली जेल से छोड़ा गया था तब पंजाब से राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा था कि युवकों ने लीबिया में रहने के दौरान बहुत मुश्किलें झेलीं. उन्हें मूल भूत आवश्यकताओं जैसे खाने और पानी से भी महरूम रहना पड़ा. साथ ही उनके साथ मारपीट भी की गई थी. बता दें कि इन युवाओं की वापसी के लिए सांसद विक्रम जीत सिंह ने भी प्रयास किए हैं.
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