किरेन रिजिजू ने कॉलेजियम सिस्टम की वर्तमान व्यवस्था पर सुनाई खरी-खरी, जानें क्या कहा

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि जब तक ये कॉलेजियम सिस्टम चलेगा, ये परिस्थितियां भी खराब होती रहेगी.

Written by - Nizam Kantaliya | Last Updated : Sep 17, 2022, 06:29 PM IST
  • केंद्रीय कानून मंत्री ने सुनाई खरी खरी
  • कॉलेजियम सिस्टम को लेकर क्या कहा?
किरेन रिजिजू ने कॉलेजियम सिस्टम की वर्तमान व्यवस्था पर सुनाई खरी-खरी, जानें क्या कहा

नई दिल्ली: केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने देश की ज्यूडिशरी के कॉलेजियम सिस्टम को लेकर पहली बार सख्त शब्दों के साथ सार्वजनिक तौर पर सवाल खड़े किए हैं. राजस्थान के उदयपुर में यूनियन ऑफ इंडिया वेस्ट जोन एडवोकेट की कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कोई सिस्टम अगर ठीक से नहीं चल रहा है, तो उसमें क्या बदलाव होना चाहिए, इसकी चिंता करना हम सभी का कर्तव्य है.

किरेन रिजिजू ने संबोधन में क्या कहा?
दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के प्रथम दिन उद्घाटन समारोह को संबोधित करते उन्होंने कहा कि देश की लोअर कोर्ट में जजों की नियुक्ति का एक सिस्टम है और उसके अनुसार ही नियुक्तियां होती हैं. लेकिन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हम चाहते है कि जजों की नियुक्तियां हो. विधि मंत्री बनने के बाद हमने प्रयास किए हैं, बड़ी संख्या में हमने वैकेंसी के प्रतिशत को कम किया है.

मंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा सभी को मालूम है. हम चाहते हैं कि वैकेंसी कम से कम हो, अभी भी हमें लगता है कि काफी गुंजाइश है वैकेंसी को कम करने की. हम चाहते हैं इसे कम से कम कर 150 तक वैकेंसी लाना चाहते हैं. अगर हम ऐसा कर सके तो ये हमारे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी.

लेकिन जो अभी का कॉलेजियम का सिस्टम है उसके चलते ये असंभव तो नहीं है, लेकिन बहुत मुश्किल काम है. हम चाहते हैं कि ज्यूडिशरी में ज्यादा से ज्यादा जज हो, पूरी ताकत के साथ ज्यूडिशियल पॉवर के साथ काम करें. लेकिन जो सिस्टम बनाया गया है. उस सिस्टम के समक्ष हमें संघर्ष करना पड़ता है.

अपने तरीके से काम करते हैं कॉलेजियम
सिस्टम के तहत हमें जो करना होता है वो हमें करना ही है. कॉलेजियम का एक विजडम होता है और वे चाहें सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट का कॉलेजियम हो वो अपने तरीके से काम करते हैं. लेकिन कोई भी सिस्टम 100 प्रतिशत परफेक्ट नहीं हो सकता है उसमें सुधार किया जा सकता है.

लेकिन सिस्टम के अंदर कोई व्यवस्था बनायी हुई है, और उसे अगर सुधार नहीं सकते तो उसका सर्वोत्तम प्रयोग तो करें. अभी जो कॉलेजियम सिस्टम जैसा चल रहा है हम बेहतर प्रयोग कर भरपूर फायदा उठाने का प्रयास कर रहे है.

रिजिजू ने कहा कि राजस्थान वाले ये सोच सकते हैं कि उनके हाईकोर्ट के लिए नाम गए हुए है लेकिन समय लग रहा है. अंदर का जो पूरा प्रोसेस है.. या क्या इंटरनल रिपोर्ट हैं उसकी यहां सार्वजनिक चर्चा नहीं कर सकते. सिस्टम जैसा है उसके तहत बहुत मुश्किल होता है. मुझे अच्छा नहीं लगता कि किसी का नाम रोक कर रखें. कोई जज बनने जा रहे हैं और हम उनको 2 महीना देर करवाएं.

किसी के लिए ये भला नहीं है और ना ही हमारे सिस्टम के लिए ही ठीक नहीं है. लेकिन जैसा सिस्टम हैं फिर उसको तो मिलाकर तो चलना ही है.

'ये परिस्थितियां भी खराब होती रहेंगी'
जब तक ये कॉलेजियम सिस्टम चलेगा, ये परिस्थितियां भी खराब होती रहेंगी. और ये चीज सिर्फ सरकार को नहीं सोचनी है सुप्रीम कोर्ट में जो जज बैठे हैं उनको भी सोचना होगा. या जो सेवानिवृत्त हो गए हैं या जो जज बनने वाले हैं ये विषय सबके लिए है.

कोई सिस्टम अगर ठीक से नहीं चल रहा है उस सिस्टम में बदलाव क्या होना चाहिए. ये चिंता करना हम सभी के लिए सामूहिक दायित्व है. इसलिए मैं मानता हूं कि मेरे मन में कोई नेगेटिव चीज हम पैदा नहीं करते. क्योंकि हमारे पीएम का एक लक्ष्य हैं कि हम हर काम देश के लिए करते है और देश को मजबूत बनाना है.

देश को मजबूत बनाने के लिए ज्यूडिशरी के स्तंभ को मजबूत करना और उसके बारे में सोचना हमारी प्राथमिकता है.

तकलीफ तो हो रही है
समारोह के पश्चात इस बयान को लेकर किरेन रिजिजू से जब सवाल किया तो उन्होंने कहा जो सिस्टम चल रहा है उससे कुछ तकलीफ तो हो रही है और ये सभी को पता है. इसलिए आगे इस पर चर्चा होगी कि कैसे क्या करना है. कुछ मुद्दे थे जिसे मैंने सभी के सामने रखा है. यहां पर जज, एडवोकेट और लॉ आफिसर भी हैं. इस तरह के कॉन्फ्रेंस में कुछ मुद्दे ऐसे होते है जिन्हें सामने रखने पर ये पता चलता है कि लॉ मिनिस्टर के मन में क्या चल रहा है. और सरकार क्या सोचती है. मैंने मेरे मन की बात रखी है और उनकी बातें भी मैंने सुनी है.

राजस्थान के नाम हमारी वजह से पेंडिंग नहीं
राजस्थान हाई कोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजे गए नाम लंबे समय से पेंडिंग होने के सवाल पर कानून मंत्री ने कहा कि मैने उदयपुर में ये बात इसलिए ही रखी है कि राजस्थान हाईकोर्ट के लिए कई जज नियुक्त होने हैं और उनके नाम अभी पेंडिंग हैं और वे नाम लॉ मिनिस्टर की वजह से पेंडिंग नहीं हैं, बल्कि जो व्यवस्था बनाई हुई है उस व्यवस्था के चलते पेंडिंग है.

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