नई दिल्ली: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने किसी सरकारी कर्मचारी की नौकरी सेवा के दौरान मृत्यु हो जाने पर, अनुकंपा पर नौकरी को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद अब अगर किसी विवाहित कर्मचारी की मृत्यु नौकरी सेवा के दौरान होती है तो ऐसी स्थिति में अनुकंपा का लाभ उसकी पत्नी को दिया जाएगा.
बहन के बदले पत्नी को अनुकंपा लाभ
सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद अनुकंपा पर नौकरी दिए जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के मुताबिक मृत सरकारी कर्मचारी की पत्नी के रहते हुए अनुकंपा नियुक्ति का लाभ बहन को नहीं दिया जा सकता. फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने मृत कर्मचारी की बहन कुमारी मोहनी द्वारा दायर एक याचिका को खारिज कर दिया.
क्या कहा हाई कोर्ट ने
अदालत ने कहा, मौजूदा मामले में इस तथ्य में कोई विवाद नहीं है कि मृत कर्मचारी विवाहित था. उसकी पत्नी जीवित है और उसने अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए दावा किया है. इसलिए नियमों के तहत वही नियुक्ति के लिए पात्र है और याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं दी जा सकती.
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बता दें कि, याचिकाकर्ता के पिता 'सफाई कर्मचारी' के रूप में कार्यरत थे और सेवा के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. जिसके बाद, याचिकाकर्ता के भाई को यह नौकरी प्रदान की गई. याचिकाकर्ता के भाई की भी सड़क हादसे में मौत हो गई. उसकी मृत्यु के बाद, उनकी मां ने अनुकंपा के आधार पर याचिकाकर्ता की नियुक्ति के लिए अपनी सहमति दी थी. याचिकाकर्ता ने अपनी नियुक्ति के लिए अधिकारियों के समक्ष एक अपॉइंटमेंट दायर किया था, जो विचारधीन था.
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