नई दिल्ली: मनोज बाजपेयी और अनुराग कश्यप एक वक्त में बहुत अच्छे दोस्त हुआ करते थे. दोनों ही हस्तियां अपनी-अपनी फील्ड में शानदार काम कर रही हैं. जहां एक ओर मनोज एक एक्टर के तौर पर खुद को साबित करते आए हैं, वहीं अनुराग कश्यप डायरेक्टर के तौर पर किसी को भी कड़ी टक्कर दे सकते हैं. ऐसे में जब भी इनकी जोड़ी बनी, दर्शकों का उसे भरपूर प्यार मिला. हालांकि, पिछले कुछ सालों में दोनों की दोस्ती दूरियों में बदल चुकी है. ऐसा क्यों हुआ, इसका जवाब खुद अब मनोज बाजपेयी ने दिया है.
नहीं थी जरूरत
हाल ही में बॉलीवुड बबल को दिए इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने खुलासा किया है कि एक गलतफहमी के कारण उन दोनों की दोस्ती दूरियों में बदल गई. मनोज ने कहा, 'वह मेरे टाइप की फिल्में नहीं बना रहे थे और उन्हें लग रहा था कि अभी मनोज की कोई जरुरत नहीं है. हम अपनी-अपनी जिंदगी एन्जॉय करने लगे. उन्हें मेरी जरूरत नहीं थी और मुझे उनकी.'
इस दौरान हो गया था झगड़ा
मनोज बाजपेयी ने आगे अनुराग कश्यप के साथ अपने झगडे़ को लेकर भी बात की. उन्होंने बताया कि एक बार वह और अनुराग किसी किताब पर चर्चा कर रहे थे. इस दौरान अनुराग ने मनोज से कह दिया कि उन्हें पढ़ाई-लिखाई के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. उस समय दोनों ने ड्रिंक की हुई थी और इस पर दोनों के बीच बहस हो गई, जो काफी बढ़ गई. इसके बाद कई सालों तक दोनों ने एक दूसरे से बात नहीं की, लेकिन फिर एक दिन अनुराग ने अचानक रात को करीब साढ़े दस बजे मनोज को कॉल किया और सारे मन-मुटाव दूर हो गए, इसके बाद दोनों 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में साथ काम किया.
इन फिल्मों के लिए किया साथ काम
गौरतलब है कि मनोज बाजपेयी और अनुराग कश्यप ने पहली बार राम गोपाल वर्मा कि निर्देशन में बनी थ्रिलर फिल्म 'सत्या' में काम किया था. इस फिल्म के साथ अनुराग एक लेखक के तौर पर जुड़े थे, वहीं, मनोज बाजपेयी ने भीकू म्हात्रे का किरदार अदा किया था. इसके बाद दोनों राम गोपाल वर्मा की ही 'शूल' के लिए साथ आए. इस फिल्म ने भी खूब धमाल किया.
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