नई दिल्ली:Kishore Kumar Birth Anniversary: बॉलीवुड के दिग्गज सिंगर-एक्टर किशोर कुमार आज भी लोगों के दिल में बसे हुए हैं. उन्होंने फिल्मों के हर जॉनर में काम किया है, और सफल भी रहे. उन्होंने अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जी. कहते हैं कि किशोर दा बेहद मस्त मौला इंसान थे. एक्टिंग के साथ उन्होंने हिन्दी सिनेमा को अपनी जादुई आवाज में कई हिट गाने भी दिए हैं. उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर कुछ अनकहे और चहरे पर मुस्कान लाने वाले किस्से आज हम आपको बताएंगे.
खंडवा वाले किशोर की राम-राम
अपने मस्त मौला अंदाज के लिए फेम किशोर दा का खंडवा से बेहद गहरा रिश्ता था. खंडवा का हर इंसान उनका परिवार था. किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 में खंडवा में ही हुआ था. उन्हें अपने गांव से बहुत प्यार था. हिंदी सिनेमा के बादशाह बनने के बाद जब भी वह कहीं भी स्टेज शो करते थे, हाथ जोड़कर उनके शुरुआती शब्द होते थे ''मेरे दादा-दादियों, मेरे नाना-नानियों और मेरे भाई-बहनों तुम सबको खंडवा वाले किशोर कुमार की राम-राम.'' उनका ये संबोधन हर किसी का दिल जीत लेता था.
किशोर दा- रफी के बीच नहीं थी दुश्मनी
मोहम्मद रफी और किशोर कुमार हिंदी सिनेमा के नायाब हीरे थे. दोनों ने ही एक से बढ़कर एक गाने फिल्मी दुनिया को दिए हैं. लेकिन फिल्मी गलियारों में अक्सर कहा जाता रहा है कि किशार दा, रफी साहब को पसंद नहीं करते थे. वहीं किशोर दा के बेटे अमित कुमार ने अपने एक इंटरव्यू में इस बात को गलत बताते हुए कहा कि रफी और किशोर के बीच कोई दुश्मनी नहीं थी. किशोर दा, रफी साहब को बड़े भाई जैस मानते थे.
फूट-फूटकर रोने लगे थे किशोर दा
किशोर कुमार के बेटे अमित कुमार ने खुलासा करते हुए बताया था कि 31 जुलाई 1980 का दिन किशोर दा के लिए बहुत ही भारी था. इसी दिन 55 साल की उम्र में रफी साहब का निधन हो गया था. जब किशोर दा, रफी साहब के घर पहुंचे तो उनकी बॉडी को देखकर खुद को रोक ना सके. किशोर दा ने रफी साहब के पैर पकड़े और फूट फूटकर खूब रोए. किशोर दा को संभालना बहुत मुश्किल हो गया था.
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