नई दिल्ली: कुछ लोगों की जिंदगी इत्तेफाक से बनती है. ये इत्तेफाक नहीं तो और क्या है कि एक नौवीं क्लास की छात्रा जो बस स्टेज पर डांस कर रही थी उसे दिन दिहाड़े फिल्म का ऑफर मिल गया. इस बात से अनजान कि वो एक बहुत बड़ी स्टार बनने वाली है वो डांस कर रही थी. तभी तेलुगू के एक डायरेक्टर तिलक साहब ने उन्हें स्कूल से उठाकर फिल्मों के सेट पर पहुंचा दिया. फिल्म में उनका सिर्फ तीन मिनट का एक सीन था. महज एक इत्तेफाक से एक हसीन अदाकारा का जन्म हुआ नाम था जया प्रदा.
गोदावरी पुल पर हादसा
जया प्रदा को बचपन में गाने का बेहद शौक था. शौक इतना खतरनाक कि उसे पूरा करने के लिए जान तक जोखिम में डाल दी. घर के पास से ही एक गोदावरी पुल गुजरता था. बस क्या था जया प्रदा सॉन्ग कंपीटिशन में भाग लेने के लिए घर से भाग गईं. उनकी मां उन्हें इजाजत नहीं दे रही थीं. मां का कहना था कि तुम अकेले नहीं जाओगी तुम्हारे साथ कोई ना कोई बड़ा तो जाना ही चाहिए. वो उनके हुनर को तो सपोर्ट करतीं लेकिन एक मां होने के नाते चाहती थीं कि वो किसी बड़े के साथ ही जाएं.
मां ने दी जब इजाजत
आखिरकार जया प्रदा की मां मान गई और बोलीं कि जल्दी जाओ और जल्दी वापिस आओ. ऐसे में जब जया गोदावरी के उस ब्रिज के ऊपर अपने भाई के साथ पहुंची तो देखा कि वहां पर तो पहले से ही ट्रेन खड़ी हुई है. जब तक ट्रेन नहीं जाती वो आगे नहीं बढ़ पाते तो ऐसे में जया के भाई ने नीचे से क्रॉस करते हुए दूसरी तरफ जाना ही सही समझा. जया के भाई राजा बाबू तो चले गए लेकिन जया वहीं रह गईं.
जया प्रदा आ गईं ट्रेन के नीचे
ऐसे में जया प्रदा ने भी हड़बड़ी करते हुए ट्रेन के नीचे छलांग लगा दी लेकिन जैसे ही क्रॉस करने लगीं ट्रेन चल पड़ी. जया प्रदा बिलकुल ठंडी पड़ गई. दूसरी तरफ से भाई मदद के लिए चिल्लाने लगा. फिर जया प्रदा ने दिमाग लगाया और तुरंत पटरी पर फ्लैट होकर लेट गईं. किस्मत ने भी साथ दिया और पैनिक सिचुएशन देखते हुए ट्रेन को तुरंत रोक दिया गया. तब जाकर जया प्रदा की जान बची. वरना जया का ये गाने का शौक उन्हें बहुत बड़ी मुसीबत में डाल देता.
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