नई दिल्ली: ओम राउत की फिल्म ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) पर विवाद थमने का नाम ही ले रहा है. हर दिन इस फिल्म के नाम पर एक नया मामला सामने आ जाता है. फिल्म का जितना जोरों-शोरों के साथ प्रमोशन किया गया था, रिलीज के बाद यह उतनी ही विवादों में छा गई है. फिल्म के सीन्स, स्टारकास्ट और वीएकएक्स से लेकर डायलॉग्स तक को लेकर एक नया घमासान छिड़ा हुआ है. ऐसे में अब मनोज मुंतशिर पर कानूनी पचड़ों में फंसते नजर आने लगे हैं.
मेकर्स और मनोज मुतशिर को लगाई फटकार
‘आदिपुरुष’ को लेकर अब इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सख्त रव्वैया अपनाया है. पिछले ही दिनों अदालत ने सेंसर बोर्ड को जोरदार फटकार लगाई थी और कहा था कि आखिर निर्माता अपनी इस फिल्म में क्या दिखाने की कोशिश कर रहे हैं? फिल्म के संवादों को लेकर भी कड़ी फटकार लगाई गई है. कोर्ट ने कहा कि फिल्म ने दर्शकों के एक बड़े वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई हैं. ऐसे में अदालत ने फिल्म के लेखक मनोज मुंतशिर के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है.
मनोज मुंतशिर से एक सप्ताह में मांगा जवाब
अदालत ने मनोज के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए उनसे एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. कोर्ट का कहना है, 'फिल्म में इस्तेमाल किए गए संवाद एक बड़ा मुद्दा हैं. लोगों के लिए रामायण एक मिसाल रही है, रामायण पूजनीय है. आज भी लोग घर से निकलने से पहले रामचरितमानस पढ़ते हैं. ऐसे में कुछ चीजें ऐसी होती है जिन्हें बिल्कुल छूना नहीं चाहिए.'
अदालत ने फिल्म के सीन्स भी जताई आपत्ति
अदालत ने आगे कहा, 'फिल्म में भगवान हनुमान, माता सीता को जैसे दिखाया गया वो किसी की समझ से बिल्कुल बाहर है.' दूसरी ओर डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया कि फिल्म से आपत्तिजनक संवाद हटा दिए गए हैं, वहीं कोर्ट ने इस पर कहा, 'अकेले इतने से काम नहीं चलेगा, आप दृश्यों का क्या करेंगे? ' कोर्ट ने कहा कि अगर फिल्म का प्रदर्शन रोका जाता है तो जिन लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं उन्हें राहत मिलेगी.
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