Uttarakhand Election: टिकट बंटवारे में हरीश रावत, यशपाल आर्य की ये मांग पूरी होने के मिले संकेत

Uttarakhand Election: उत्तराखंड स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक बुधवार को दिल्ली में देर रात तक चली. इसमें टिकट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 30, 2021, 07:32 AM IST
  • ये नेता मांग रहे परिवार के लिए टिकट
  • विश्वसनीयता का भी रखा जा रहा ध्यान
Uttarakhand Election: टिकट बंटवारे में हरीश रावत, यशपाल आर्य की ये मांग पूरी होने के मिले संकेत

नई दिल्ली: Uttarakhand Election: पंजाब की तर्ज पर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देने के फैसले पर अमल नहीं करेगी.

प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के अनुसार, उत्तराखंड में अभी ऐसा कोई नियम नहीं हुआ है और न ही अभी कोई फैसला लिया गया है कि एक परिवार से एक ही को व्यक्ति को टिकट मिलेगा.

पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिए कांग्रेस स्क्रीनिंग कमिटी की तरफ से ये फैसला लिया गया था कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा. हालांकि, उत्तराखंड में इसको लेकर पार्टी नेताओं की राय अलग है.

ये नेता मांग रहे परिवार के लिए टिकट
दरअसल, कांग्रेस के कई कद्दावर नेता अपने परिवार के अन्य सदस्यों के लिए भी टिकट मांग रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने अलावा अपनी बेटी के लिए भी विधानसभा का टिकट चाहते हैं. वहीं प्रदेश के नेता विपक्ष प्रीतम सिंह भी अपने बेटे के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष यशपाल आर्य भी अपने साथ अपने बेटे के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. 

ऐसे में तमाम नेताओं की एक राय यह है कि एक परिवार से एक टिकट के नियम को उत्तराखंड विधानसभा में लागू न किया जाए.

बुधवार को दिल्ली में हुई बैठक
गौरतलब है कि बुधवार को उत्तराखंड स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक दिल्ली में देर रात तक चली. बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे के साथ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता विपक्ष प्रीतम सिंह व अन्य सदस्य मौजूद रहे.

प्रत्याशियों के चयन में विश्वसनीयता का भी रखा जा रहा ध्यान
पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार कांग्रेस पार्टी के लिए केवल जिताऊ उम्मीदवार ढूंढना ही चुनौती नहीं है बल्कि उम्मीदवार की विश्वसनीयता को भी परखा जा रहा है. कई मौकों पर कांग्रेस के जीते हुए उम्मीदवार अन्य दलों में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में पार्टी इससे बचने के लिए इस तरीके की रणनीति पर काम कर रहे हैं. इसलिए पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन में यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस, सेवा दल और अन्य जैसे फ्रंटल संगठनों से भी सहयोग लेने की रणनीति बनाई है.

पार्टी नेताओं की मानें तो चुनावी राज्यों में कांग्रेस को फ्रंटल संगठनों के के बीच समन्वय को मजबूत करने की आवश्यकता है. मंगलवार को ही इसी संबंध में उत्तराखंड स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में इन संगठनों को प्रमुख को बुलाकर उनसे चर्चा की गई थी.

हालांकि, उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव के अनुसार पार्टी दिसंबर उत्तराखंड के उम्मीदवारों का ऐलान करने की तैयारी कर रही है. देवेंद्र यादव के अनुसार उत्तराखंड में इसलिए उम्मीदवार चुनने में हम ज्यादा समय नहीं लगाएंगे, क्योंकि इसकी तैयारी लंबे समय से की जा रही है.

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