नई दिल्ली: Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. कांग्रेस और भाजपा को बहुमत की आस है. गुरूवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की थी. इसके बाद शुक्रवार को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी राज्यपाल से मुलाकात की. ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं.
राज्यपाल निभा सकते हैं बड़ी भूमिका
राज्यपाल कलराज मिश्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद मुख्य भूमिका में आ सकते हैं. यदि दोनों दल बहुमत के आंकड़े के नीचे रह जाते हैं तो यह राज्यपाल पर निर्भर करेगा कि कौनसे दल को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए. उन परिस्थितिओं को अभी से भांपकर दोनों दोनों दल राज्यपाल को साधने की कोशिश में जुटे हैं.
वसुंधरा की मीटिंग के मायने
मुख्यमंत्री गहलोत सूबे में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता हैं, ऐसे में उनका राज्यपाल से मिलना हैरानी का विषय नहीं है. लेकिन भाजपा की ओर से वसुंधरा राजे का राज्यपाल भवन में जाना कई संकेत दे रहा है. माना जा रहा था कि राजे को भाजपा आलाकमान के द्वारा साइडलाइन किया जा रहा है. लेकिन राज्यपाल से मुलाकात की तस्वीरें बाहर आने के बाद राजे को सीएम पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है.
अपने गढ़ में राजे मजबूत
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे झालरापाटन सीट से चुनाव लड़ रही हैं. हाड़ौती उनका गढ़ माना जाता है. एग्जिट पोल में हाड़ौती में भाजपा की स्थिति मजबूत मानी जा रही है. यहां भाजपा को 11 से 15 सीटें जीत सकती है. जबकि कांग्रेस को महज 2 से 6 सीटें मिलने का अनुमान है.
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