Opposition Meet: नीतीश कुमार को UPA में मिला ये बड़ा जिम्मा! तो क्या विपक्षी पार्टियों के बीच बन गई बात?

Opposition Parties Meeting: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी पार्टियां अपनी एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रही है. इसी सिलसिले में बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई. सूत्रों के हवाले से ये दावा किया जा रहा है कि इस बैठक में यह तय हुआ है कि राज्य के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी एकता के संयोजक होंगे.

Written by - Nitin Kumar | Last Updated : Jun 23, 2023, 03:29 PM IST
  • विपक्ष की मीटिंग में हुआ बड़ा फैसला!
  • नीतीश कुमार बनाए जाएंगे संयोजक-सूत्र
Opposition Meet: नीतीश कुमार को UPA में मिला ये बड़ा जिम्मा! तो क्या विपक्षी पार्टियों के बीच बन गई बात?

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्षी पार्टियां गोलबंद होती नजर आ रही हैं. विपक्षी एकता का ट्रेलर दिखाने के लिए बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी पार्टियों की रणनीतिक बैठक हो रही है. सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में ये दावा किया जा रहा है कि आगामी 2024 चुनाव में विपक्षी पार्टियों को एकसाथ लेकर चलने का जिम्मा नीतीश कुमार के कंधे पर सौंपी जाएगी. सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार को विपक्षी एकता का संयोजक बनाया जाएगा.

कितनी मजबूत है विपक्ष की ये एकता?
लोकसभा चुनाव में फिलहाल 10 महीने का वक्त है, इसे लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. जहां बीजेपी के पास सरकार बचाने की चुनौती है, वहीं विपक्षी पार्टियों का लक्ष्य मोदी को सत्ता से हटाने की कोशिश है. इसी कोशिश को मुकम्मल करने के मकसद से पटना में विपक्ष की पहली कोशिश शुरू हो चुकी है. असल सवाल ये है कि विपक्ष बार-बार ये दावा करता है कि मोदी के खिलाफ वो एक है, मगर हर बार गठबंधन चल ही नहीं पाता है. ऐसे में क्या इस बार की एकता 2024 चुनाव तक टिक पाएगी?

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को पटना में विपक्षी दलों की बैठक को 'फासीवादी, निरंकुश शासन' के खिलाफ ‘‘युद्ध घोष’’ करार दिया. विपक्ष के कई प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक शुक्रवार को पटना में हो रही है, जिसमें वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कड़ी चुनौती देने के मकसद से एक मजबूत मोर्चा बनाने की रणनीति पर मंथन किया जाएगा.

क्या केजरीवाल की शर्त मानेगी विपक्षी पार्टियां?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव इस बैठक की मेजबानी कर रहे हैं. यह बैठक मुख्यमंत्री आवास ‘1 अणे मार्ग’ पर हो रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और विपक्ष के कई अन्य नेता इस बैठक में भाग ले रहे हैं.

बैठक से पहले राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा को हराने जा रहे हैं. खड़गे ने कहा कि विपक्षी दल एकजुट होकर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. बैठक से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा था कि भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ विपक्षी नेता एक परिवार की तरह एकजुट होकर लड़ेंगे.

विपक्ष के सूत्रों का कहना है कि विपक्षी नेताओं की मंत्रणा के दौरान नेतृत्व संबंधी सवालों को दरकिनार कर मिलकर मुकाबला करने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. उधर, आम आदमी पार्टी (आप) के इस रुख से विपक्षी एकजुटता की कवायद पर मतभेदों का साया पड़ गया कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ उसे समर्थन देने का वादा नहीं किया तो ‘आप’ शुक्रवार को पटना में होने वाली बैठक से बाहर हो जाएगी.

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