मंत्रालयों की संख्या में कमी, ई-वाहनों की बिक्री पर जोर, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल को लेकर तैयारियों में जुटे अधिकारी

अगले कुछ ही दिनों में देश में 18वीं लोकसभा के लिए मतदान शुरू होना है. इसे देखते हुए देश की सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली बीजेपी केंद्र की सत्ता में तीसरी बार वापसी को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है. इसे देखते हुए सभी सरकारी अधिकारी नई सरकार के लिए कार्य योजना बनाने की तैयारी में जुट गए हैं. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Apr 6, 2024, 10:45 AM IST
  • देश में कम हो सकती है मंत्रालयों की संख्या
  • वरिष्ठ नागरिकों की हिस्सेदारी होगी 50 प्रतिशत
मंत्रालयों की संख्या में कमी, ई-वाहनों की बिक्री पर जोर, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल को लेकर तैयारियों में जुटे अधिकारी

नई दिल्लीः अगले कुछ ही दिनों में देश में 18वीं लोकसभा के लिए मतदान शुरू होना है. इसे देखते हुए देश की सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुट गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली बीजेपी केंद्र की सत्ता में तीसरी बार वापसी को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है. इसे देखते हुए सभी सरकारी अधिकारी नई सरकार के लिए कार्य योजना बनाने की तैयारी में जुट गए हैं. 

देश में कम हो सकती है मंत्रालयों की संख्या
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो प्रधानमंत्री मोदी अगर तीसरी बार देश के पीएम बनते हैं, तो इस बात की संभावना जताई जा रही है कि देश में मंत्रालयों की संख्या को कम किया जा सकता है. वर्तमान में देश में कुल मंत्रालयों की संख्या 54 है. मंत्रालयों की संख्या में कमी के अलावा अगले छह वर्षों में विदेशों में भारतीय मिशनों की संख्या में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की भी संभावना व्यक्त की जा रही है. 

वरिष्ठ नागरिकों की हिस्सेदारी होगी 50 प्रतिशत
इन सब से अलावा बुनियादी ढांचे में अधिक से अधिक प्राइवेट निवेश के साथ-साथ प्राथमिकता वाली परियोजनाओं पर जोर रहेगा. रिपोर्ट्स की मानें, तो हाल ही में कैबिनेट सचिव की ओर से एक बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में कई विषयों पर सार्थक चर्चा की गई. इन विषयों में एक विषय यह भी था कि साल 2030 तक पेंशन लाभ के साथ वरिष्ठ नागरिकों की हिस्सेदारी को 22 प्रतिशत से दोगुना कर 50 प्रतिशत करने का भी लक्ष्य होगा. 

महिलाओं की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य 
वहीं, महिलाओं को भागीदारी को 37 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का भी लक्ष्य रखा गया है. इन सब के बजाय देश की नई सरकार ई-वाहनों की बिक्री पर ज्यादा से ज्यादा जोर देने वाली होगी. इसकी हिस्सेदारी को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत से अधिक करने का लक्ष्य तय किया गया है. 

अदालत में लंबित मामलों की संख्या घटाने पर होगी नजर 
रिपोर्ट्स की मानें, तो सरकार की नजर साल 2030 तक देश की अदालतों में लंबित मामलों की संख्या वर्तमान में 5 करोड़ से घटाकर 1 करोड़ से कम करने पर होगी. इसके लिए अगले 6 सालों में न्यायपालिका में रिक्तियों को 22 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने का लक्ष्य है. 

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