2024 की तैयारियों में जुट गए जेपी नड्डा, सबसे पहले गाजीपुर को ही क्यों चुना? समझिए समीकरण

'लोकसभा प्रवास' कार्यक्रम के तहत भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा शुक्रवार को गाजीपुर में जनसभा करेंगे. कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद नड्डा उत्तर प्रदेश में अपनी पहली जनसभा को संबोधित करेंगे. आखिर नड्डा ने इसके लिए गाजीपुर को ही क्यों चुना? इस रिपोर्ट में समझिए..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 19, 2023, 07:27 PM IST
  • बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का गाजीपुर दौरा
  • लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे नड्डा
2024 की तैयारियों में जुट गए जेपी नड्डा, सबसे पहले गाजीपुर को ही क्यों चुना? समझिए समीकरण

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा शुक्रवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे और उसके बाद पार्टी के 'लोकसभा प्रवास' कार्यक्रम के तहत गाजीपुर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे.

काशी विश्वनाथ में पूजा के बाद गाजीपुर जाएंगे नड्डा
पार्टी की ओर से जारी नड्डा के कार्यक्रम के मुताबिक वह करीब साढ़े दस बजे काशी विश्वनाथ में पूजा अर्चना करेंगे और उसके बाद गाजीपुर रवाना हो जाएंगे. गाजीपुर पहुंचने के बाद दोपहर 12 बजे के करीब वह पवहारी बाबा आश्रम में पूजा अर्चना करेंगे. इसके बाद बंसी बाजार स्थित एक स्थानीय होटल में वह पूर्व सैनिकों के साथ संवाद करेंगे. वह कुछ पूर्व सैनिकों को सम्मानित भी करेंगे.

नड्डा का स्थानीय आईटीआई मैदान में एक जनसभा को संबोधित करने का भी कार्यक्रम हे भाजपा अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल को जून 2024 तक विस्तार मिलने के बाद नड्डा का उत्तर प्रदेश का यह पहला दौरा होगा.

'लोकसभा प्रवास' कार्यक्रम का उद्देश्य है 2024 की जीत
'लोकसभा प्रवास' कार्यक्रम का उद्देश्य 2024 के आम चुनाव से पहले लक्षित संसदीय क्षेत्रों में पार्टी की जीत की संभावनाओं को मजबूती देना है. इस अभियान के तहत पार्टी के शीर्ष नेता ऐसे संसदीय क्षेत्रों का लगातार दौरा कर रहे हैं और वहां पार्टी की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम कर रहे हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही इस कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक सहित कई अन्य राज्यों का दौरा किया था. वह इसी महीने हरियाणा और पंजाब की यात्रा पर रहेंगे.

2019 के चुनाव में गाजीपुर से बीजेपी को मिली थी हार
भाजपा ने पहले 160 सीट की पहचान की थी, जिनमें से अधिकांश पर 2019 के चुनाव में वह हार गई थीं. पार्टी का मानना है कि वह अपने संगठन और सामाजिक आधार को मजबूत कर इन सीट पर जीत हासिल कर सकती है. उत्तर प्रदेश का गाजीपुर भी इसी श्रेणी में आता है.

पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के मनोज सिन्हा को समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन की ओर से बसपा प्रत्‍याशी अफजाल अंसारी ने एक लाख से अधिक मतों से पराजित किया था.

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