नई दिल्ली: Rajya Sabha Election Process: राज्यसभा की 56 सीटों के लिए कल यानी 27 फरवरी, 2024 को चुनाव है. 15 राज्यों में विधायक राज्यसभा सांसद चुनने के लिए वोट करेंगे. राज्यसभा चुनाव में वोटिंग गुप्त रूप से नहीं होती, इसलिए यह करीब-करीब पहले ही पता चल जाता है कि कौनसा उम्मीदवार विजयी होने वाला है. हालांकि, चुनिंदा मौकों पर उलट नतीजे भी देखने को मिले हैं.
कैसे होते हैं राज्यसभा चुनाव?
राज्यसभा सांसद के चुनाव का एक तय फॉर्मूला है. किसी प्रत्याशी को राज्यसभा सांसद बनने के लिए कितने वोट चाहिए, यह पहले से पता होता है. यही कारण है कि राज्यसभा चुनाव में एक-एक वोट को पाने के लिए मोटी रकम भी खर्च की जाती है. विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या को 100 से गुणा किया जाता है. फिर कुल राज्यसभा सीटों में एक जोड़कर उससे भाग दे दिया जाता है. अब जो नई संख्या आई है, उसमें एक और जोड़ दिया जाता है. फिर जो संख्या आती है, राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए उतने विधायकों के वोट जरूरत होती है. एक विधायक के वोट की वैल्यू 100 होती है.
उदाहरण से समझें वोटिंग कैसे होती है?
उत्तर प्रदेश के एक उदाहरण से आप इसे समझ सकते हैं. जैसे- यूपी में 10 सीटों पर चुनाव होने हैं. यूपी विधानसभा में 403 सदस्य हैं. अब 403 को 100 से गुणा किया जाएगा. फिर 40300 संख्या आती है. फिर इन सीटों की संख्या में एक जोड़ते हैं, यानी 10+1 होगा, जो 11 होता है. अब 40300 में 11 का भाग दे दें, अब यह संख्या 3663 होती है. अब इसमें भी एक जोड़ेंगे. इसका मतलब एक सीट जीतने के लिए प्रत्याशी को 37 विधायकों के वोट चाहिए होंगे, एक MLA का वोट 100 की वैल्यू रखता है.
सांसद का कार्यकाल 6 साल का होता है
देश में राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 245 है. राज्यसभा सांसद का कार्यकाल 6 साल का होता है. 12 सांसद राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाते हैं. राज्यसभा संसद का उच्च सदन कहलाता है, लोकसभा में बिल पास होने के बाद वह राज्यसभा में आता है. यहां से पारित होने के बाद ही यह लागू हो पाता है.
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