नई दिल्ली: New Delhi Seat: दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने चुनावी बिसात पर अपनी मोहरें उतार दी हैं. सभी 70 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान हो गया है. कांग्रेस की ओर से अब तक 21 प्रत्याशियों को टिकट दी जा चुकी है. जबकि भाजपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि भाजपा 30 दिसंबर से पहले प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर देगी. हालांकि इसी बीच एक VVIP सीट खूब चर्चा में है, जहां से जो जीतता है, वह मुख्यमंत्री बनता है.
ये है मुख्यमंत्री बनाने वाली सीट
नई दिल्ली विधानसभा सीट हॉट और VVIP मानी जाती है. इसके पीछे की वजह ये है कि इस सीट से जो जीतता है, वह CM बनता है. ये कोई नियम नहीं, बल्कि एक इत्तेफाक ही है. यह सीट 2008 में बनी है. इससे पहले इसे गोल मार्केट के नाम से जाना जाता था. परिसीमन के बाद इसे नई दिल्ली सीट बनाया गया. फिर यहां से क्रमशः शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल ने चुनाव जीता. दोनों महज विधायक नहीं ही नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री भी बने.
यहां पर अरविंद केजरीवाल Vs संदीप दीक्षित
आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है. जबकि कांग्रेस ने संदीप दीक्षित को टिकट दी है, जो दिल्ली की पूर्व CM और कांग्रेस की दिवंगत नेता शीला दीक्षित के बेटे हैं. कयास हैं कि भाजपा यहां से पूर्व CM और दिवंगत नेता साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को टिकट दे सकती है. प्रवेश सांसद भी रह चुके हैं, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी टिकट काट दी गई थी.
पहले शीला दीक्षित, फिर केजरीवाल जीते
दिल्ली में विधानसभा का पहला चुनाव 1993 में हुआ था. तब नई दिल्ली विधानसभा गोल मार्केट सीट हुआ करती थी. फिर 2008 में परिसीमन के बाद इसे गोल विधानसभा सीट से अलग कर दिया गया और नई दिल्ली विधानसभा सीट अस्तित्व में आई. कांग्रेस की शीला दीक्षित ने यहां से 1998, 2003 और 2008 में चुनाव जीतीं और मुख्यमंत्री बनीं. फिर अरविंद केजरीवाल ने 2013, 2015 और 2020 में इस सीट से चुनाव जीता और लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बने.
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