नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में महज कुछ वक्त ही शेष रह गया है और ठीक इससे पहले महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना जबरदस्त झटका लगा है. राज्य के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने फैसला सुनाया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट ही 'असली' शिवसेना है. विधानसभा अध्यक्ष का यह फैसला एक तरफ एकनाथ शिंदे और उनके गुट के लिए बड़ी राहत लेकर आया है तो उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है. हालांकि नतीजा आने के साथ ही उद्धव गुट ने कह दिया है कि वह इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख अख्तियार करेगी.
उद्धव गुट ने कहा-फैसले से आश्चर्य नहीं
शिवसेना के उद्धव गुट की नेता और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है-इस निर्णय से मैं बिल्कुल आश्चर्य में नहीं हूं. पहले हम सुनते थे कि जो होता है मंजूर-ए-खुदा होता है. बाद में हमने सुना कि वहीं होता है जो मंजूर-ए-संविधान होता है. 2014 के बाद हम एक नई धारा देख रहे हैं कि वही होता है जो मंजूर-ए-नरेंद्र मोदी-अमित शाह होता है. वही हम एक्शन में देख रहे हैं जो महाराष्ट्र में हो रहा है. मेरा सवाल है कि अगर 2018 का कॉन्सटिट्यूशन इलेक्शन कमीशन के पास नहीं था तो उसके आधार पर सारे संवाद हमारे नेता उद्धव ठाकरे के पास कैसे जाते थे. आपको 2022 में याद आता है कि आपका संविधान क्या होता है. जिस चीज को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध बताया था उसे वैध बनाने का काम किया जा रहा है.
#WATCH | Maharashtra Assembly Speaker rules Shinde faction the real Shiv Sena.
Shiv Sena (UBT) MP Priyanka Chaturvedi says, "I am not surprised at all. We had heard 'Wahi hota hai j manzoor-e-khuda' hota hai'...after 2014 a new tradition has begun, 'Wahi hota hai Jo… pic.twitter.com/FxjbO4yOhz
— ANI (@ANI) January 10, 2024
शिंदे गुट मना रहा है जीत का जश्न
उद्धव गुट की नाराजगी के बीच एकनाथ शिंदे गुट ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया है. कार्यकर्ता मुंबई में एक-दूसरे को मिठाई खिला रहे हैं और अपने पक्ष की जीत पर खुशियां मना रहे हैं. अब इस मामले पर कानूनी लड़ाई आगे भी जारी रह सकती है लेकिन उद्धव ठाकरे के सामने सबसे बड़ी चुनौती अभी लोकसभा चुनाव की है. अगर पार्टी के परफॉर्मेंस की बात करें तो बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से एनडीए गठबंधन यानी बीजेपी शिवसेना ने 41 सीटों पर जीत हासिल की थी. जहां एनसीपी को केवल 4 तो कांग्रेस को 2 और एआईएमआईएम को 1 सीट ही मिली थी.
#WATCH | Celebrations at the office of Shiv Sena- Shinde faction in Mumbai, after Maharashtra Speaker terms the faction as the "real" Shiv Sena political party pic.twitter.com/3TIykvk1f1
— ANI (@ANI) January 10, 2024
कैसे पिछला प्रदर्शन दोहराएगी शिवसेना
उद्धव की अगुवाई वाली शिवसेना को 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. यह शिवसेना का शानदार प्रदर्शन था. पार्टी ने अपना 2014 का चुनावी प्रदर्शन दोहराया था. साल 2014 में भी शिवसेना ने राज्य में 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे के सामने यह प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है. हालांकि यह लक्ष्य बेहद कठिन दिख रहा है क्योंकि पार्टी के पास अब न तो चुनावी सिंबल है और न ही उतना मजबूत 'पार्टी संगठन'. पार्टी संगठन में इसलिए भी कमजोरी आई क्योंकि एकनाथ शिंदे जैसे दिग्गज नेता ने न सिर्फ पार्टी छोड़ी बल्कि पार्टी तोड़ने लायक पर्याप्त संख्या बल भी जुटाया.
उद्धव ठाकरे के सामने हैं कई चुनौतियां
लोकसभा चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी सम्मानजक सीटें हासिल करना. सीट शेयरिंग को लेकर इंडिया गठबंधन की पार्टियों के बीच बैठक हुई है. माना जा रहा है कि जल्द ही सीट शेयरिंग को लेकर कोई फैसला होगा. अब यह देखने वाली बात होगी कि उद्धव गुट को कितनी सीटें मिलेंगी. इसके अलावा चुनाव चिन्ह का भी मुद्दा भी बहुत परेशानी वाला होगा क्योंकि चुनाव चिन्ह अब एकनाथ शिंदे गुट के पास है. यही नहीं विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय के बाद अब एकनाथ शिंदे के पास 'असली शिवसेना' का टैग भी है. इसके अलावा उद्धव ठाकरे के सामने पूरे राज्य में पार्टी संगठन में एक बार फिर जान फूंकने की भी होगी. उन्हें उन जगहों पर योग्य नेता तलाशने होंगे जहां पर विधायकों या सांसदों ने एकनाथ शिंदे गुट का साथ हाथ पकड़ लिया है.
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