Bengal Election 2021: ममता के 'गोत्र खेला' के पीछे क्या राज है?

ममता बनर्जी ने हिंदू वोटरों को लुभाने के लिए कई तरह की कोशिशें करनी शुरू कर दी हैं जो कि उनके जाने पहचाने राजनीतिक चरित्र से बिलकुल अलग है

Written by - Madhaw Tiwari | Last Updated : Apr 1, 2021, 12:43 PM IST
  • वोटरों को लुभाने के लिए ममता बनर्जी ने चरित्र परिवर्तन कर लिया है.
  • चंडीपाठ से शुरुआत करते हुए वो अपना गोत्र भी बताने लगी हैं.
Bengal Election 2021: ममता के 'गोत्र खेला' के पीछे क्या राज है?

कोलकाता: ये सियासत है साहब, यहां बस मौका देखा जाता है और रंग बदल लिया जाता है. बंगाल में पोरिबर्तन हो ना हो, मौके के मुताबिक सियासी मिजाज मे पोरिबर्तन सबको साफ दिख रहा है. 

जो ममता बनर्जी जय श्रीराम के नारे से चिढ़ रही थीं, वो चंडी पाठ भी कर रही हैं, ख़ुद को हिन्दू ब्राह्मण साबित कर रही हैं, और अब गोत्र भी बताने लगी हैं. ममता बनर्जी ने एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए एक किस्सा सुनाया और कहा कि, "पुरोहित महाशय ने पूछा कि मां आपका गोत्र क्या है, मैंने कहा मां माटी मानुष गोत्र. व्यक्तिगत तौर पर मेरा गोत्र शांडिल्य है, लेकिन मैं मानती हूं कि मेरा गोत्र है मां, माटी, मानुष'

अब जानिए कि आखिर मां, माटी, मानुष के नाम पर ममता बनर्जी गोत्र का खेला क्यों खेल रही हैं.  इसकी पहली वजह है नंदीग्राम का संग्राम और दूसरी वजह है भगवाधारी शुवेंदु अधिकारी.

दरअसल नंदीग्राम के संग्राम में ममता दीदी को पता है कि मुसलमान उनके साथ हैं लेकिन हिन्दुओं को साथ लाना उनकी मजबूरी है. पूर्वी मेदिनापुर जिले में नंदीग्राम विधानसभा है और इस विधानसभा में दो ब्लॉक और एक कस्बा है. नंदीग्राम ब्लॉक 1, नंदीग्राम ब्लॉक 2 और नंदीग्राम कस्बा. 2011 की जनगणना के मुताबिक नंदीग्राम ब्लॉक 1 में मुस्लिम आबादी करीब 34 फीसदी है, नंदीग्राम ब्लॉक 2 में मुस्लिम आबादी 12.1 फीसदी है और वहीं नंदीग्राम कस्बे में मुस्लिम आबादी करीब 40.3 फीसदी है. औसतन नंदीग्राम विधानसभा में 28.8 फीसदी मुस्लिम है और करीब 70 फीसदी आबादी हिन्दूओं की है.

यही वजह है कि शुवेंदु अधिकारी की नजर सिर्फ हिन्दू वोटों पर है और वो ममता बनर्जी को बार-बार मुस्लिमों का हितैषी बताने की कोशिश करते हैं. कभी रोहिंग्या की खाला कहते हैं, कभी बंगाल को बांग्लादेश बनाने की बात करते हैं, कभी खेला होबे नारा बांग्लादेश से इम्पोर्ट किया हुआ बताते हैं, कभी ममता को बेगम पुकारते हैं, कभी बंगाल को मिनी पाकिस्तान बनाने की साजिश का आरोप लगाते हैं, कुल मिलाकर ममता की एंटी हिन्दू छवि बनाने की कोशिश करते हैं.

ममता इसी एंटी हिन्दू छवि को साफ करने की कोशिश में हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि फिलहाल जो माहौल है उसमें नंदीग्राम में हिन्दू वोटर ही निर्णायक है इसीलिए वो कभी चंडी पाठ करती हैं, कभी भगवती पाठ, कभी ब्राह्मण बताने की कोशिश तो कभी गोत्र बताने लगती हैं 

और जब दीदी का गोत्र बताना दरअसल हिन्दुओं के वोट का भगवा की ओर छिटकने का डर है. और नंदीग्राम का इक्वेशन कहता है कि यहां हिन्दू वोटर ही तय करेंगे कि नंदीग्राम का अधिकारी कौन होगा. यही वजह है कि ममता खुद को हिन्दू बताने में व्यस्त हैं और शुवेंदु अधिकारी ममता की एंटी हिन्दू तस्वीर बनाने की कोशिश में हैं. वैसे असल खेला तो नंदीग्राम की अवाम करेगी.

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