अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग में अकेले बचे CEC राजीव कुमार, क्या लोकसभा चुनाव के ऐलान पर पड़ेगा असर?

Election 2024: लोकसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है लेकिन इससे पहले निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब तीन सदस्यीय आयोग में सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार बचे हैं क्योंकि एक अन्य चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय फरवरी में रिटायर हो गए थे. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या मुख्य चुनाव आयुक्त अकेले लोकसभा चुनाव को लेकर ऐलान कर सकते हैं? क्या इससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है?

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 10, 2024, 08:22 AM IST
  • चुनाव की घोषणा पर कोई असर नहीं
  • नियुक्ति के समय भी हुआ था विवाद
अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग में अकेले बचे CEC राजीव कुमार, क्या लोकसभा चुनाव के ऐलान पर पड़ेगा असर?

नई दिल्लीः Election 2024: लोकसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है लेकिन इससे पहले निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब तीन सदस्यीय आयोग में सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार बचे हैं क्योंकि एक अन्य चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय फरवरी में रिटायर हो गए थे. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या मुख्य चुनाव आयुक्त अकेले लोकसभा चुनाव को लेकर ऐलान कर सकते हैं? क्या इससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है?

चुनाव की घोषणा पर कोई असर नहीं

अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडेय के रिटायरमेंट के चलते अब सारा कार्यभार मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के कंधों पर आ गया है. एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि अरुण गोयल के इस्तीफे से लोकसभा चुनाव के ऐलान पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. चुनाव आयोग में दो पद खाली हैं लेकिन इससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी.

आयोग को कोई भी फैसला लेने के लिए औपचारिक रूप से किसी भी कोरम को पूरा करने की आवश्यकता नहीं है.

नियुक्ति के समय भी हुआ था विवाद

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अरुण गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था लेकिन उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने स्वीकार कर लिया है. उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, इसकी जानकारी नहीं है. गोयल पंजाब कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे. उन्होंने 18 नवंबर 2022 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी और उन्हें अगले ही दिन चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था.

इस पर विवाद हो गया था और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनकी नियुक्ति में जल्दबाजी को लेकर सवाल किए थे लेकिन बाद में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था.

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