सिर्फ पराली से नहीं हो रहा प्रदूषण, गाड़ियां छोड़ साइकिल अपनाएंः सुप्रीम कोर्ट

 प्रदूषण के मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा है कि मुझे कुछ विशेषज्ञों ने जानकारी दी है कि प्रदूषण (Pollution) की वजह सिर्फ पराली (Parali) नहीं है. उन्होंने कहा कि आप लोग लंबी लंबी खूबसूरत गाड़ियों में घूमना बन्द करें. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 29, 2020, 03:43 PM IST
  • मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) ने सुनवाई को अगले हफ्ते शुक्रवार तक के लिए टाल दिया है.
  • प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक अध्यादेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने दस्तखत कर दिए हैं
सिर्फ पराली से नहीं हो रहा प्रदूषण, गाड़ियां छोड़ साइकिल अपनाएंः सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्लीः इस बार दिवाली आने से पहले ही प्रदूषण ने दिल्ली-NCR को अपनी चपेट में ले लिया है. ऐसे में जहां एक तरफ बड़े पैमाने पर पराली जलाए जाने को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है, वहीं वाहनों के धुएं से भी प्रदूषण बढ़ने की बात कही जा रही है. ऐसे में दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में बढ़ते प्रदूषण को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ी टिप्पणी की है. 

जानकारी के मुताबिक, प्रदूषण के मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस ए बोबडे ने कहा है कि मुझे कुछ विशेषज्ञों ने जानकारी दी है कि प्रदूषण (Pollution) की वजह सिर्फ पराली (Parali) नहीं है. उन्होंने कहा कि आप लोग लंबी लंबी खूबसूरत गाड़ियों में घूमना बन्द करें.

साइकिल चलाने की आदत डालनी होगी. मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) ने सुनवाई को अगले हफ्ते शुक्रवार तक के लिए टाल दिया है.

केन्द्र सरकार बना रही है यह कमीशन
दिल्ली-एनसीआर और उससे सटे राज्यों में प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो सकेगी. प्रदूषण फैलाने वालों को एक करोड़ रुपये तक जुर्माना अदा करना पड़ सकता है, साथ ही 5 साल की सजा भी हो सकती है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केन्द्र सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है. इसके लिए सरकार ने एक कमीशन बनाया है. इस कमीशन में इसरो के प्रतिनिधि भी होंगे.

राष्ट्रपति ने किए अध्यादेश पर हस्ताक्षर
प्रदूषण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए केंद्र सरकार के एक अध्यादेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) ने दस्तखत कर दिए हैं. इसके मुताबिक हवा की गुणवत्ता की निगरानी के लिए एक आयोग गठित करने की योजना बनाई गई है.

यह अध्यादेश वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से एक दिन पहले ही अध्यादेश आया था. 

ये पद होंगे आयोग में शामिल
इस आयोग को अनुसंधान और वायु प्रदूषण से संबंधित समस्याओं की पहचान और समाधान के साथ काम सौंपा जाएगा. यह वायु प्रदूषण की निगरानी के लिए शीर्ष निकाय के रूप में पर्यावरण प्रदूषण और रोकथाम नियंत्रण प्राधिकरण की जगह काम करेगा.

17 सदस्यीय आयोग में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के प्रतिनिधि होंगे. इसकी अध्यक्षता सचिव या मुख्य सचिव रैंक के एक सरकारी अधिकारी द्वारा की जाएगी, जिसे केंद्र द्वारा चुना जाएगा. आयोग में पर्यावरण मंत्रालय के सचिव और पांच अन्य सचिव या मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी भी शामिल होंगे. वे पदेन सदस्य होंगे.

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