Masik Krishna Janmashatami 2024: कब पड़ रही है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए पूजा विधि और महत्व

Masik Krishna Janmashatami 2024: मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण का विधिवत पूजा-अर्चना किया जाता है. साथ ही इस दिन उपवास रखने से व्यक्ति को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कब है साथ ही इसकी पूजा विधि और महत्व के बारे में:  

Written by - Shruti Kumari | Last Updated : Mar 2, 2024, 12:18 PM IST
Masik Krishna Janmashatami 2024: कब पड़ रही है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? जानिए पूजा विधि और महत्व

नई दिल्लीः Masik Krishna Janmashatami 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जाता है. मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल की पूजा करने से संतान संबंधित सभी प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं. इस दिन उपाय और व्रत करने से निसंतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कब है साथ ही इसकी पूजा विधि और महत्व के बारे में:  

क्यों मनाई जाती है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी?
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में हुआ था, इसलिए हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह की मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 3 मार्च 2024 दिन रविवार को है.

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी की क्या है पूजा विधि
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्त सुबह उठें और सबसे पहले स्नान करें. उसके बाद अपने घर के मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करें. उसके बाद पीले रंग के वस्त्र पहने और एक लकड़ी की चौकी पर भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें. भगवान कृष्ण को पंचामृत से स्नान करें और गोपी चंदन से तिलक लगाएं. तिलक लगाने के बाद माखन-मिश्री का भोग लगाएं. उसके बाद भगवान श्री कृष्ण के मंत्रों का जाप भी करें.  

क्या है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर रात्रि के समय की गई उपासना का विशेष फल प्राप्त होता है. इस दिन उपाय और व्रत करने से निसंतान दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को धारण करने से मनचाही इच्छा जल्द पूरी होती है. ज्योतिष के अनुसार, इस दिन कुछ उपाय भी किए जाते हैं जिनसे पारिवारिक एवं आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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