शनि की ढैय्या और साढ़े साती में क्या होता है अंतर, जानें शनिदेव के प्रकोप से बचने के उपाय

शनिदेव को कर्म का देवता माना जाता है. अक्सर लोगों के शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या के बारे में सुना होगा. आइए जानते हैं शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या में क्या अंतर है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 8, 2024, 04:16 PM IST
  • शनि की साढ़े साती से क्या होता है
  • शनि की ढैय्या का प्रभाव क्या होता है
शनि की ढैय्या और साढ़े साती में क्या होता है अंतर, जानें शनिदेव के प्रकोप से बचने के उपाय

नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव को कर्म का देवता माना जाता है.  शनि की साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव से इंसान को आर्थिक और शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसका ये अर्थ  शनि की साढ़े साती और ढैय्या में हमेशा नुकसान ही हो, बल्कि यह लाभदायक भी हो सकता है. चलिए जानते हैं शनि की साढ़े साती और ढैय्या में क्या अंतर हैं 

शनि की साढ़ेसाती क्या है 
शनि की साढ़ेसाती तब होती है जब शनि आपकी जन्म राशि में 12, 1 या फिर 2 भाव में गोचर करता है. शनि की साढ़ेसाती 7.5 साल तक चलती है. इस दौरान जीवन में कई तरह के बदलाव आते हैं. कई बार ये बदलाव अच्छे होते हैं वहीं कुछ बदलाव नुकसानकारी होते हैं. 

शनि की साढ़ेसाती के प्रकोप को कम करने के उपाय 
शनि की साढ़ेसाती के प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन सरसों के तेल में अपना चेहरा देखकर उसे शनि का दान लेने वाले व्यक्ति को दान करना चाहिए. अगर आपको को नहीं मिलता है तो चेहरा तेल में देखने के बाद तेल को पीपल के पेड़ के नीचे रख दें. 

शनि की साढ़ेसाती के बचाव के उपाय 
शनि की साढ़ेसाती से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए. साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. 

शनि की ढैय्या क्या है 
जब कुंडली में शनि चौथे या आठवें भाव में होता है तब ढैया लगती है. ढैया लगभग डाई साल की होती है. इस दौरान इंसान मानसिक तनाव और पैसों की तंगी से परेशान हो सकता है. 

शनि की ढैय्या से बचाव के उपाय 
शनि की ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए हनुमान चालसी का पाठ करना चाहिए. भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. 

शनि की ढैय्या के उपाय 
शनि की ढैय्या से बचने के लिए जानवरों की सेवा जैसे गाय, कौआ, डॉग्स की सेवा करनी चाहिए. 

शनि की ढैय्या  और शनि की साढ़ेसाती में अंतर 
शनि साढ़ेसाती और ढैय्या में केवल समय का अंतराल होता है. दोनों ही शनि देव से संबंधी होते हैं. साढ़ेसाती का असर गहरा होता है, वहीं ढैय्या का असर कम होता है. साढ़ेसाती लंबे समय के लिए होती है. ढैया कम समय के लिए होती है. 

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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