Puja Path: विष्णु को प्रिय है शंख और महादेव को नहीं, जानें शंख से जुड़ी हर महत्वपूर्ण धार्मिक जानकारी

Puja Path: हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ में शंख बजाना बहुत शुभ माना जाता है. शंख को बजाने से भगवान भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं. आइए जानते हैं कि कब और क्यों बजाया जाता है शंख?    

Written by - Shruti Kumari | Last Updated : Jan 25, 2024, 01:20 PM IST
  • देवी-देवताओं को निमंत्रण देना
  • घर पर प्रतिदिन बजाएं शंख
Puja Path: विष्णु को प्रिय है शंख और महादेव को नहीं, जानें शंख से जुड़ी हर महत्वपूर्ण धार्मिक जानकारी

नई दिल्ली: Puja Path: हिंदू धर्म में शंख को सदियों से पारंपरिक हिंदू अनुष्ठानों का एक अभिन्न अंग माना गया है. इसका इतिहास पुराणों और प्राचीन ग्रंथों से भी जुड़ा हुआ है. भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण हमेशा एक हाथ में शंख रखते हैं. महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने भी शंख बजाया था. आइए जानते हैं कि कब और क्यों बजाया जाता है शंख?  

शुभ अवसर
शंख का प्रयोग हिंदू परिवार में शुभ कार्यों के दौरान किया जाता है. विवाह, भोजन, गृहप्रवेश, दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा की तरह शंख का उपयोग किसी भी शुभ कार्य और शुभ दिन के लिए किया जाता है. 

समय
कई घरों में परिवार के सदस्यों द्वारा प्रतिदिन सुबह 4 बजे सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के समय शंखनाद बजाने की प्रथा है. इससे घर में हमेशा बरकत बनी रहती है. वहीं मंदिरों और अनुष्ठानों में शंख बजाया जाता है. इसके अलावा हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-आरती के आरंभ करने से पहले शंख बजाया जाता है. कोई भी पूजा आरती के बिना पूर्ण नहीं मानी जाती और आरती के अंत में भी शंख ध्वनि आवश्यक है.

घर पर प्रतिदिन बजाएं
सनातन परंपरा में कहते हैं कि प्रतिदिन शाम को जल छिड़क कर तथा घर के मुख्य द्वार के सामने शंख बजाया जाना चाहिए. वो भी तीन बार. 

वातावरण शुद्ध होता है
हमारे पूर्वजों और पवित्र ग्रंथों के अनुसार शंख बजाने से वातावरण भी शुद्ध होता है और इसे विजय का प्रतीक भी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि शंख से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.  

इन बातों का रखें ध्यान
पूजा घर में देवताओं को जल चढ़ाने के लिए अलग और बजाने के लिए अलग शंख रखना चाहिए
जब कभी भी शंख बजाएं, उसे हमेशा धोकर ही उचित आसन या पात्र में रखें.
शंख को हमेशा पूजा घर में भगवान श्री विष्णु की मूर्ति के दायी ओर रखना चाहिए
शंख को इस तरह रखें कि उसका खुला हुआ हिस्सा ऊपर की तरफ रहे
पूजा घर की उत्तर या फिर उत्तर पूर्व दिशा में किसी पवित्र स्थान पर शंख रख सकते हैं
महादेव की पूजा में शंख का प्रयोग कर पूरी तरह से मना है

देवी-देवताओं को निमंत्रण देना
शंख की गूंजती आवाज  एक दैवीय आह्वान के समान है. जब किसी धार्मिक समारोह की शुरुआत में इसे बजाया जाता है, तो यह देवी-देवताओं के लिए निमंत्रण के रूप में कार्य करता है. यह पूजा की शुरुआत का प्रतीक है. इसलिए हर किसी को शंख बजाना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

 

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