Puja Vidhi: क्यों जरूरी है पूजा के बाद आरती करना? जानें सही नियम और इसके फायदे

Puja Vidhi: किसी भी विशेष पूजा के दौरान पूजा तभी पूरी होती है जब आप अंत में आरती करते हैं. आरती का मतलब है, भगवान की स्तुति करना.  तो आइए जानते हैं, आरती का महत्व और आरती करने का सही तरीका. 

Written by - Shruti Kumari | Last Updated : Jan 25, 2024, 09:58 AM IST
  • आरती करने से दूर होता है वास्तु दोष
  • आरती करते समय ना करें ये गलती
Puja Vidhi: क्यों जरूरी है पूजा के बाद आरती करना? जानें सही नियम और इसके फायदे

नई दिल्ली: Puja Vidhi: हिंदू धर्म में भगवान की पूजा करने का विशेष महत्व है. किसी भी तरह की पूजा के दौरान पूजा तभी पूरी होती है जब आप अंत में आरती करते हैं. आरती का मतलब है भगवान की स्तुति करना. भगवान की आरती करने से उनका आशीर्वाद मिलता है. पूजा के दौरान अगर कोई कमी या गलती हो जाए तो माफी भी मिल जाती है.

आरती करने के नियम
आरती एक या पांच दीपक जलाकर करनी चाहिए. आरती में अपने ईष्ट देवता की स्तुति के अलावा उनके मंत्रों को भी शामिल किया जाता है. हमारे ऋषि-मुनियों ने इस समस्या का समाधान देते हुए ॐ की आकृति बनाने के बारे में बताया है. भक्त को आरती करते समय हाथ में ली हुई आरती को इस प्रकार घुमाना चाहिए कि ॐ की आकृति बने.  

सात बार भगवान के संपूर्ण शरीर से मस्तक तक आरती घुमानी चाहिए. इस तरह आरती कुल 14 बार घुमाई जानी चाहिए. ऐसे आरती करने से भगवान सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. शास्त्रों के अनुसार, गणेशजी की चार बार, शिवजी की ग्यारह बार, विष्णु भगवान जी की बारह बार, दुर्गाजी की नौ बार और अन्य देवी देवताओं की 7 बार आरती करना शुभ माना जाता है. दीपक की ज्वाला की दिशा पूर्व दिशा में रखने से आयु बढ़ती है. पश्चिम दिशा में दुर्भाग्य बढ़ता है. दक्षिण दिशा में हानि होती है और उत्तर दिशा में धन लाभ होता है.

आरती करते समय ना करें ये गलती
आरती के बाद दीपक को कभी भी भूमि पर नहीं रखना चाहिए. उसे थाली, पाट या आसन पर ही रखना चाहिए. आरती सरसों और नारियल के तेल से नहीं करनी चाहिए. घी के दीपक में कपास की बत्ती और तेल के दीपक में लाल मौली की बाती होनी चाहिए. आरती कभी भी बैठकर नहीं करनी चाहिए. आरती के बीच में बोलना, चीखना या अन्य कोई दूसरा कार्य नहीं करना चाहिए. इससे आरती खंडित मानी जाती है. आरती को कभी भी उल्टा नहीं घुमाना चाहिए. बिना भजन के आरती नहीं करनी चाहिए. आरती लेने के बाद कम से कम पांच मिनट हाथ नहीं धोने चाहिए.

आरती करने से दूर होता है वास्तु दोष
जिस घर पर प्रतिदिन आरती की जाती है वहां आस-पास नकारात्मक ऊर्जा नहीं रहती है. ऐसी जगहें सकारात्मकता से भरी होती हैं. इससे जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं और पूजा का पूरा फल मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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