नई दिल्ली: Tilak Importance: हिंदू धर्म में तिलक लगाने का परंपरा है. ज्योतिष के अनुसार, बिना तिलक लगाए ना तो पूजा की अनुमति होती है और ना ही पूजा संपन्न होती है. सभी प्रकार के पूजा-पाठ, लगाना चाहिए. इसके अलावा किसी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर जाने से पहले भी तिलक लगाने का महत्व है. ज्योतिष के अनुसार, केवल माथे पर ही नहीं बल्कि कंठ पर भी तिलक लगाए जाते हैं. जानते हैं तिलक से जुड़े महत्व के बारे में.
कितने प्रकार के होते हैं तिलक
ब्रह्म तिलक
ब्रह्म तिलक को आमतौर पर मंदिर के पुजारी और ब्राह्मण लगाते हैं. साथ ही ऐसे लोग ब्रह्म देव की पूजा करने वाले गृहस्थी भी ऐसे तिलक लगाते हैं. ब्रह्म तिलक सफेद रंग की रोली से लगाया जाता है.
शैव तिलक
शैव भगवान शिव के भक्त त्रिकुंड तिलक लगाते है. ऐसे लोग भगवान भोलेनाथ की पूजा-पाठ करने वाले भी हो सकते हैं. शैव तिलक काले या फिर लाल रंग का होता है. इसे रोली तिलक भी कहा जाता है.
वैष्णव तिलक
हिंदू धर्म में वैष्णव तिलक ऐसे लोग लगाते हैं, जो भगवान विष्णु के अनुयायी माने जाते हैं. भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्रीकृष्ण, भगवान राम, भगवान नृसिंह, वानम देव आदि की पूजा करते हैं. वैष्णव तिलक पीले चंदन से लगाया जाता है.
तिलक लगाने के क्या है नियम
हिंदू धर्म में तिलक लगाकर कभी भी नहीं सोना चाहिए. कभी भी बिना नहाए तिलक नहीं लगाना चाहिए. जब आप खुद को तिलक लगा रहे हैं तो अनामिका ऊंगली से तिलक लगाएं, वहीं यदि आप किसी दूसरे के माथे पर तिलक लगा रहे हों तो अंगूठे से तिलक लगाएं. खुद को तिलक लगाने से पहले अपने हमेशा अपने भगवान याद करें के तिलक लगाएं.
तिलक से मिलता है ये फायदे
तिलक न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बताया गया है. बता दें कि तिलक का प्रयोग करने से सिरदर्द जैसी गम्भीर समस्या भी दूर रहती है. साथ माना यह भी जाता है कि बुखार में चंदन का तिलक लगाने से व्यक्ति ठीक होते है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)