Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष में किए जाने वाले श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण में क्या है अंतर, जानें

Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष शुरू हो चुका है. यह आश्विन कृष्ण अमावस्या तक चलेगा. अमावस्या 14 अक्टूबर को है. पितृ पक्ष में अपने मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजन किया जाता है. उनका श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण किया जाता है जिससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे आशीर्वाद देते हैं.

Written by - Dr. Anish Vyas | Last Updated : Sep 30, 2023, 08:24 AM IST
  • पितरों का किया जाता है श्राद्ध
  • पशु-पक्षियों को कराएं भोजन
Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष में किए जाने वाले श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण में क्या है अंतर, जानें

नई दिल्लीः Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष शुरू हो चुका है. यह आश्विन कृष्ण अमावस्या तक चलेगा. अमावस्या 14 अक्टूबर को है. पितृ पक्ष में अपने मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजन किया जाता है. उनका श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण किया जाता है जिससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे आशीर्वाद देते हैं.

जानें श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण का अर्थ
पितृ पक्ष में घर-परिवार के मृत पूर्वजों को श्रद्धा से याद किया जाता है, इसे ही श्राद्ध कहा जाता है. पिंडदान करने का मतलब है कि हम पितरों के लिए भोजन दान कर रहे हैं. वहीं तर्पण करने का अर्थ यह है कि हम जल का दान कर रहे हैं. इस तरह पितृ पक्ष में इन तीनों कामों का महत्व है. 

गाय, मछली, कुत्ता आदि को दें भोजन
पितृ पक्ष में किसी गोशाला में गायों के लिए हरी घास देनी चाहिए और उनकी देखभाल के लिए धन का दान करना चाहिए. किसी तालाब में मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं. घर के आसपास कुत्तों को भी रोटी खिलाएं. साथ ही कौओं के लिए भी घर की छत पर भोजन रखें. जरूरतमंद लोगों को भोजन खिलाएं. किसी मंदिर में पूजन सामग्री भेंट करें. इन दिनों भागवत गीता का पाठ करना चाहिए.

पितृपक्ष  के दौरान हमारे पितर धरती पर आकर हमें आशीर्वाद देते हैं. पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. हमारे पितर पशु पक्षियों के माध्यम से हमारे निकट आते हैं और गाय, कुत्ता, कौवा और चींटी के माध्यम से पितृ आहार ग्रहण करते हैं. श्राद्ध के समय पितरों के लिए भी आहार का एक अंश निकाला जाता है, तभी श्राद्ध कर्म पूरा होता है. 

श्राद्ध में निकाले जाते हैं पांच अंश
श्राद्ध करते समय पितरों को अर्पित करने वाले भोजन के पांच अंश निकाले जाते हैं. गाय, कुत्ता, चींटी, कौवा और देवताओं के लिए. कुत्ता जल तत्त्व का प्रतीक है, चींटी अग्नि तत्व का, कौवा वायु तत्व का, गाय पृथ्वी तत्व का और देवता आकाश तत्व का प्रतीक हैं. इस प्रकार इन पांचों को आहार देकर हम पंच तत्वों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं. केवल गाय में ही एक साथ पांच तत्व पाए जाते हैं. इसलिए पितृ पक्ष में गाय की सेवा विशेष फलदाई होती है.

पितृपक्ष में तर्पण विधि
पितृपक्ष के दौरान प्रतिदिन पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए. तर्पण के लिए आपको कुश, अक्षत, जौ और काले तिल का इस्तेमाल करना चाहिए. तर्पण करने के बाद पितरों से प्रार्थना करें और गलतियों के लिए क्षमा मांगें.

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