नई दिल्ली: Kharmas 2024: हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है. खरसाम साल में दो बार आता है एक दिसंबर-जनवरी और दूसरा मार्च-अप्रैल के आसपास आता है. मार्च-अप्रैल में लगने वाले खरमास को मीनमास के नाम से जाना जाता है. खरमास का मतलब है सूर्य का अस्त होना. जिस दिन सूर्य देव मीन राशि में गोचर करते हैं, उस दिन से खरमास लग जाता है. आइए जानते हैं मार्च मास में कब से खरमास लगने जा रहा है. आइए जानते है खरमास कब से शुरू होने जा रहा है.
14 मार्च से 13 अप्रैल तक
मार्च में, जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं. खरमास 14 मार्च से शुरू होगा और 13 अप्रैल 2024 को समाप्त होगा. खरमास के दौरान, कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है, जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, आदि. यह समय दान-पुण्य, जप-तप और भगवान की भक्ति करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.
खरमास में जरूर करें ये काम
खरमास में केवल मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. मकर संक्रांति के बाद सूर्य उत्तरायण होते ही जमीन, मकान, वाहन की खरीद आदि शुभ आवश्यक कार्य करते हैं.
नया काम शुरुआत नहीं
खरमास का मतलब है सूर्य का अस्त होना. इस समय, सूर्य की किरणें कमजोर होती हैं और पृथ्वी पर इसका प्रभाव कम होता है. हिंदू धर्म में, इसे एक अशुभ समय माना जाता है. खरमास के दौरान, कोई भी नया काम शुरू नहीं किया जाता है. यह समय आत्म-चिंतन और आध्यात्मिक प्रगति के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.
खरमास में क्या नहीं करें
खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे संस्कारों का आयोजन नहीं करना चाहिए. इस दौरान नया वाहन, घर और प्लाट खरीदना चाहिए. खरमास के दौरान मूली, तेल, चावल, तिल और आंवला का सेवन नहीं करना चाहिए.
खरमास में जरूर करें ये काम
खरमास में केवल मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. मकर संक्रांति के बाद सूर्य उत्तरायण होते ही जमीन, मकान, वाहन की खरीद आदि शुभ आवश्यक कार्य करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)