नई दिल्लीः Kharmas 2024: खरमास को हिंदू धर्म में शुभ नहीं माना जाता है. सूर्य देव के धनु और मीन राशि में प्रवेश करने के दौरान खरमास लगता है. सूर्य साल में दो बार बृहस्पति की राशियों में एक-एक महीने के लिए रहता है. खरमास है स्नान-दान और पूजा-पाठ का महीना, 14 मार्च 2024 से शुरू हो रहा है. आइए जानते हैं, क्या होता है खरमास और इसका क्या है धार्मिक महत्व?
ज्योतिष ग्रंथ में है खरमास
धनु और मीन राशि का स्वामी बृहस्पति होता है. इनमें राशियों में जब सूर्य आता है तो खरमास दोष लगता है. ज्योतिष तत्व विवेक नाम के ग्रंथ में कहा गया है कि सूर्य की राशि में गुरु हो और गुरु की राशि में सूर्य रहता हो तो उस काल को गुर्वादित्य कहा जाता है. जो कि सभी शुभ कामों के लिए वर्जित माना गया है.
खरमास में करें भागवत कथा का पाठ
खरमास में श्रीराम कथा, भागवत कथा, शिव पुराण का पाठ करें. रोज अपने समय के हिसाब से ग्रंथ पाठ करें. कोशिश करें कि इस महीने में कम से कम एक ग्रंथ का पाठ पूरा हो जाए. ऐसे करने से धर्म लाभ के साथ ही सुखी जीवन जीने से सूत्र भी मिलते हैं. ग्रंथों में बताए गए सूत्रों को जीवन में उतारेंगे तो सभी दिक्कतें दूर हो सकती हैं. खरमास में अपने इष्टदेव की विशेष पूजा करनी चाहिए. मंत्र जप करना चाहिए.
पौराणिक महत्व
इनके साथ ही इस महीने में पौराणिक महत्व वाले मंदिरों में दर्शन और पूजन करना चाहिए. तीर्थ यात्रा करनी चाहिए. किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. जो लोग नदी स्नान नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें अपने घर पर गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करना चाहिए. पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं.
खरमास में दान का महत्व
खरमास में दान करने से तीर्थ स्नान जितना पुण्य फल मिलता है. इस महीने में निष्काम भाव से ईश्वर के नजदीक आने के लिए जो व्रत किए जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है और व्रत करने वाले के सभी दोष खत्म हो जाते हैं. इस दौरान जरूरतमंद लोगों, साधुजनों और दुखियों की सेवा करने का महत्व है. खरमास में दान के साथ ही श्राद्ध और मंत्र जाप का भी विधान है. पूजा-पाठ के साथ ही जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज, कपड़े, जूते-चप्पल का दान जरूर करें. किसी गोशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए अपने सामर्थ्य के अनुसार दान कर सकते हैं. घर के आसपास किसी मंदिर में पूजन सामग्री भेंट करें. पूजन सामग्री जैसे कुमकुम, घी, तेल, अबीर, गुलाल, हार-फूल, दीपक, धूपबत्ती आदि.
करें सूर्य पूजा
खरमास में सूर्य ग्रह की पूजा रोज करनी चाहिए. सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं. जल में कुमकुम, फूल और चावल भी डाल लेना चाहिए. सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)
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