नई दिल्ली. आज से मलमास की शुरुआत हो रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो उसे धनु संक्रांति कहते हैं.सूर्य के धनु राशि में प्रवेश से खरमास की शुरूआत होती है. जबकि मकर संक्रांति के दिन सूर्य के मकर राशि में गोचर से खरमास की समाप्ति होगी. इस काल को मलमास के नाम से भी जाना जाता है.
मलमास के दौरान लोग मुख्य रूप से भगवान सूर्य और विष्णु देवता की पूजा करते हैं. इस महीने में गृह प्रवेश, विवाह, सगाई, मुंडन जैसे शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है. इन दिनों दान करने से तीर्थ स्नान जितना पुण्य फल मिलता है. कहते हैं कि खरमास मे जो भी व्रत किए जाते हैं उनका अक्षय फल मिलता है.
खरमास 2022 कब से कब तक
खरमास आरंभ तिथि- शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022
खरमास समाप्ति तिथि- शनिवार, 15 जनवरी 2023
खरमास की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान सूर्य 7 घोड़ों के रथ में सवार होकर निरतर पूरे ब्राह्मण की परिक्रमा करते रहते हैं. मान्यता है कि एक बार सूर्य देव के घोड़े परिक्रमा करते हुए काफी थक गए थे. भगवान ने घोड़े की दयनीय हालत देखकर रथ को एक तालाब के किनारे रोक दिया. सूर्य देव को इस बात का अंदाजा था कि घोड़ों के रुकते ही संसार में संकट पैदा हो जाएगा.ऐसे में उन्होंने तालाब के किनारे दो खर यानी गधे खड़े हुए देखें. सूर्य देव ने तुरंत ही गधों को रथ से जोड़कर परिक्रमा फिर से शुरू कर दिया.गधों की धीमी गति के कारण सूर्य देव एक माह तक रथ पर सवार रहे. इसी कारण इसे खरमास कहा जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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