नई दिल्ली: छठ पर्व या छठ पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाने वाला लोक पर्व है. इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है. यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्य बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.
छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा व उन्हें अर्घ्य देने का विधान है. पिछले कुछ वर्षों में छठ पूजा को लोकपर्व के रूप में एक खास पहचान मिली है. यही वजह है कि अब इस पर्व की रौनक बिहार-झारखंड के अलावा देश के कई हिस्सों में भी देखने को मिलती है.
छठ पर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का विधान
छठ पूजा का पर्व सूर्यदेव और षष्ठी मैया को समर्पित है, इसलिए इस दिन इनका आशीर्वाद पाने के लिए पूजा को विधि-विधान से करना चाहिए. इसके अलावा, छठ पूजा के दौरान नियमों का पालन करके और कौन सी बातों को ध्यान में रखकर आप छठ मैया की कृपा प्राप्त कर सकते हैं. छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है.
सूर्य प्रत्यक्ष रूप में दिखाई देने वाले देवता है, जो पृथ्वी पर सभी प्राणियों के जीवन का आधार हैं. सूर्य देव के साथ-साथ छठ पर छठी मैया की पूजा का भी विधान है. पौराणिक मान्यता के अनुसार छठी मैया या षष्ठी माता संतानों की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं.
छठ पूजा मुहूर्त
30 अक्टूबर (संध्या अर्घ्य)
सूर्यास्त का समय -17.37
31 अक्टूबर (उषा अर्घ्य)
सूर्योदय का समय - 06.31
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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