Basant Panchami 2024: क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी, जानिए कैसे हुई इसकी शुरुआत

Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. ये त्योहार हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. आइए जानते हैं, बसंत पंचमी का त्योहार क्यों मनाते हैं, जानें इसका महत्वः

Written by - Shruti Kumari | Last Updated : Feb 14, 2024, 08:17 AM IST
  • माघ शुक्ल पंचमी तिथि
  • कलम मां सरस्वती के सामने रखते हैं
Basant Panchami 2024: क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी, जानिए कैसे हुई इसकी शुरुआत

नई दिल्ली: Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. ये त्योहार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाया जाता है. इसे माघ पंचमी भी कहा जाता है. वर्ष की सारी ऋतुओं में वसंत को सभी ऋतुओं का राजा माना जाता है. इसी कारण इस दिन को बसंत पंचमी भी कहा जाता है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार बसंत पंचमी आज यानी 14 फरवरी दिन बुधवार को मनाई जा रही है. आइए जानते हैं, बसंत पंचमी का त्योहार क्यों मनाते हैं.

कैसे हुई बसंत पंचमी की शुरुआत
एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी, तब उसमें कोई वाणी नहीं थी. उन्होंने अपने कमंडल से पृथ्वी पर जल छिड़का. उसके बाद पृथ्वी पर कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर देवी सरस्वती प्रकट हुईं. उनके हाथ में वीणा, माला और पुस्तक थी. यह माना जाता है कि यह घटना बसंत पंचमी के दिन हुई थी. इस दिन से माघ शुक्ल पंचमी तिथि थी, इसलिए बसंत पंचमी के दिन घर में मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है.  

बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी का दिन वसंत ऋतु के आगमन होता है. यह ऋतु रंगों, खुशियों और उत्सवों का प्रतीक है. यह त्योहार शिक्षा और ज्ञान के महत्व को भी दर्शाता है. इस दिन छात्र अपनी किताबें और कलम मां सरस्वती के सामने रखते हैं और उनसे ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. बसंत पंचमी के दिन लोग नए काम की शुरुआत करते हैं. इस दिन लोग अपने जीवन में नए लक्ष्य निर्धारित करते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए प्रयास करते हैं.

मां सरस्वती की पूजा
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है. इस दिन मां सरस्वती की मूर्ति को घर में स्थापित किया जाता है और उन्हें फूल, फल और  मिठाई का भोग लगाया जाता है. इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं. पीला रंग ज्ञान, बुद्धि और खुशी का प्रतीक है. बसंत पंचमी के दिन लोग पतंग भी उड़ाते हैं. आज के दिन कई स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इन कार्यक्रमों में लोग मां सरस्वती की स्तुति करते हैं और गीत और नृत्य प्रस्तुत करते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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