नई दिल्ली: Bajrang Baan बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है. व्यक्ति अपने भयों से मुक्ति पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ तो करते ही हैं, साथ ही साथ यदि बजरंग बाण का पाठ करें, तो लाभ मिल सकता है. बजरंग बाण का किस प्रकार से पाठ करना चाहिए. बजरंग बाण भगवान हनुमान जी का स्तोत्र है, जो तुलसीदास जी द्वारा रचित है. यह स्तोत्र 108 श्लोकों से युक्त है और इसे बजरंग बाण कहा जाता है. बजरंग बाण का पाठ करने से भगवान हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में कई लाभ मिलते हैं. आइए जानते हैं बजरंग बाण के पाठ बारें में.
बजरंग बाण पाठ के पाठ करने के नियम
बजरंग बाण का पाठ करने से पहले स्नान कर साफ कपडा पहनना चाहिए. उसके बाद पूजा स्थान में भगवान हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. दीप, चंदन, फूल, और फल चढ़ाएं. प्रसाद के रूप में हनुमान जी को चूरमा, लड्डू और फल चढ़ाएं. धूप और दीप जलाएं. बजरंग बाण का पाठ एकाग्रता और श्रद्धा के साथ करें. पाठ के बाद आरती करें.
बजरंग बाण पाठ करने का लाभ
बजरंग बाण का पाठ मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से करना चाहिए. इस पाठ को 41 दिनों तक लगातार करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इससे भय, शत्रु, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है. बजरंग बाण का पाठ करने से आत्मविश्वास, साहस, और शक्ति प्राप्त होती है. विद्या, धन, और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है. जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति प्राप्त होती है.
बजरंग बाण पाठ करने वक्त गलतियां ना करें
बजरंग बाण पाठ के दौरान ये गलतियां करने से बचना चाहिए. इस पाठ को कभी भी अधूरे में नहीं छोड़ना चाहिए. इस पाठ के समय काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. बजरंग बाण का पाठ हमेशा लाल रंग के कपड़े पहन कर ही करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)