News DNA on Ibrahim Raisi Death: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत पर जहां भारत समेत दुनिया के कई देशों ने अपनी संवेदना व्यक्त की है. ईरान की जनता का एक वर्ग खुशी से झूम रहा है. आखिर उनके जश्न मनाने का राज क्या है.
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Zee News DNA on Iranian President Ibrahim Raisi Death: रविवार को दुनिया में एक बड़ा घटनाक्रम हुआ. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री समेत कुल 9 लोगों की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई. हेलिकॉप्टर क्रैश में मारे गए इब्राहिम रईसी को ईरान ने शहीद बताया है. राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री की मौत से ईरान को बड़ा सदमा लगा है. किसी देश के राष्ट्रपति का इस तरह मारा जाना दुखद है और दुख की इस घड़ी में ज्यादातर देशों के राष्ट्रध्यक्षों ने अपनी संवेदना व्यक्त भी की है.
रईसी की मौत के बाद ईरानियों ने क्यों फोड़े पटाखे?
लेकिन आपको थोड़ी हैरानी होगी ये जानकर कि, जब रईसी की मौत पर दुनिया संवेदना जाहिर कर रही है. तब ईरान के अंदर ही कई ऐसे शहर हैं, जहां रईसी की मौत के बाद जश्न मनाया गया. ईरान के साकेज शहर में खुशी के मारे लोग जमकर पटाखे फोड़ते दिखाई दिये, कहीं इब्राहिम रईसी की मौत की खुशी में लोगों ने एक दूसरे का मुंह मीठा कराया. रईसी की मौत पर ईरान में महिलाएं झूमने लगीं और खुशी उनके चेहरे से झलक रही है.
'तेहरान का कसाई' था इब्राहिम रईसी
रईसी की मौत का जश्न ईरान ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों में रहने वाली प्रवासियों ने भी मनाया. सड़कों पर ये जश्न लंदन स्थित ईरानी दूतावास के बाहर मनाया गया. ऐसे सैंकड़ों वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिन्हें देखकर ऐसा लग रहा है कि रईसी की मौत से लोग दुखी कम बल्कि खुश ज्यादा हैं. ईरान के दुश्मन देश जैसे इजरायल में जश्न मनाया जाता तो कोई हैरानी नहीं होती, लेकिन आप भी सोच रहे होंगे कि ईरान में लोग अपने देश के राष्ट्रपति की मौत पर क्यों खुश हैं. तो इसकी मुख्य वजह इब्राहिम रईसी की खराब छवि है, जिसकी वजह से इब्राहिम रईसी को 'तेहरान का कसाई' भी कहा जाता था.
DNA : ईरान में राष्ट्रपति रईसी की मौत पर 'जश्न'! इब्राहिम रईसी को 'तेहरान का कसाई' क्यों कहते थे ? #DNA #Iran #EbrahimRaisi @ramm_sharma pic.twitter.com/NIH67Heo7a
— Zee News (@ZeeNews) May 20, 2024
हजारों लोगों को चढ़ा दिया था फांसी पर
वर्ष 1988 में तेहरान में राजनैतिक विरोध में नरसंहार हुआ था. तब तेहरान में हज़ारों कैदियों को फांसी पर लटकाया गया था. जिन 4 जजों ने फैसला सुनाया था, उनमें इब्राहिम रईसी भी थे. वर्ष 2019 में रईसी पर अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने प्रतिबंध लगा दिए थे. रईसी की मौत का सबसे ज्यादा जश्न साकेज शहर में मनाया जा रहा है, साकेज ईरान में हिजाब आंदोलन का चेहरा बनी महसा अमीनी का Home Town है. आंदोलन का चेहरा बनी महसा अमीनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर बुरी तरह पीटा था, इलाज के दौरान महसा की मौत हो गई थी. इसके बाद महिलाओं के लिए Dress Code को लेकर आंदोलन उग्र हुआ. लेकिन रईसी ने सख्ती से आंदोलन को दबा दिया.
इस पर कई अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने ईरान सरकार की निंदा दी. अमेरिका और पश्चिमी देशों ने निंदा की, लेकिन रईसी फैसले पर अड़े रहे. इब्राहिम रईसी ने महिलाओं के लिए ड्रेस कोड सख्ती से लागू करवाया. आंदोलन के अगुवा लोगों को एक-एक करके फांसी पर लटकवा दिया. इससे बाकी आंदोलनकारी डर गए और हिजाब आंदोलन थम गया.
खामेनेई के बाद ईरान में दूसरे नंबर की हैसियत
नरसंहार और महिलाओं के लिए ड्रेस कोड सख्ती से लागू किया गया. जिस वजह से ईरान का एक बड़ा तबका रईसी से नफरत करता है. यही वजह है कि जैसे ही रईसी की मौत की ख़बर आई. साकेज शहर समेत ईरान के बाकी हिस्सों में जश्न मनाया जाने लगा. वैसे कट्टरपंथी विचारधारा के रईसी की ईरान में खामेनेई के बाद दूसरे नंबर की हैसियत थी.
रईसी को ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई का बेहद करीबी माना जाता था. वर्ष 2021 में राष्ट्रपति चुनाव में तीन प्रमुख उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने की इजाजत ही नहीं मिली थी. जबकि 38 लाख वोटों को रद्द कर दिया गया था और इब्राहिम रईसी की एकतरफा जीत हुई थी.
क्या इजरायल की मोसाद ने करवाया हमला?
हालांकि, अब रईसी की मौत ऐसे समय हुई है जब इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है. इसलिए हेलिकॉप्टर क्रैश को लेकर साजिश की आशंका भी जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि हेलिकॉप्टर क्रैश अजरबैजान सीमा पर हुआ, जहां इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद एक्टिव रहती है.
शक इसलिए भी जाहिर किया जा रहा है कि खराब मौसम के बाद भी रईसी के काफिले में शामिल 2 हेलिकॉप्टर सही सलामत ईरान पहुंच गए. जबकि रईसी का हेलिकॉप्टर कैसे फंस गया. रईसी की मौत को लेकर ईरान जांच तो करेगा और तभी पता चल सकेगा कि मामला हत्या का है या फिर रईसी की मौत हादसा है.