Iran Helicopter Crash: सऊदी अरब के साथ डील, इजरायल पर सख्त रुख- ईरान के लिए बड़ा झटका है विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन की मौत
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Iran Helicopter Crash: सऊदी अरब के साथ डील, इजरायल पर सख्त रुख- ईरान के लिए बड़ा झटका है विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन की मौत

Who is Hossein Amir-Abdollahian: विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने राष्ट्रपति इब्राहिम राईसी की 2021 की चुनावी जीत के बाद पदभार संभाला था. उन्हें रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का करीबी माना जाता था.

Iran Helicopter Crash: सऊदी अरब के साथ डील, इजरायल पर सख्त रुख- ईरान के लिए बड़ा झटका है विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन की मौत

Hossein Amir-Abdullahian Death: ईरान (Iran) के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन (Amir-Abdollahian) की भी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) के साथ एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई. सरकारी न्यूज एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक राष्ट्रपति राईसी का हेलीकॉप्टर रविवार दोपहर को वरज़कान क्षेत्र में क्रैश हो गया. विमान में रईसी और अब्दुल्लाहियन समेत कुल 9 लोग सवार थे. ईरानी मीडिया के मुताबिक हेलीकॉप्टर में सवाल सभी लोगों की मौत हो गई.

अब्दुल्लाहियन अपनी उग्र इजरायल विरोध भावना और वेस्ट को लेकर सख्त रवैये के लिए जाने जाते थे. उन्होंने राईसी की 2021 की चुनावी जीत के बाद पदभार संभाला था. उन्हें रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का करीबी माना जाता था.

अमीर-अब्दुल्लाहियन मृत्यु कई कारणों से इजरायल के लिए एक बड़ा झटका है. ईरान के टॉप डिप्लोमेट के रूप में उनका कार्यकाल ईरान के अलगाव को समाप्त करने और अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभाव को कम करने के लिए तेज डिप्लोमेटिक गतिविधियों के लिए याद रखा जाएगा.  

1-सऊदी अरब के साथ एतिहासिक डील
अब्दुल्लाहियन ने विशेष रूप से रीजनल सुन्नी मुस्लिम शक्ति केंद्र सऊदी अरब सहित अन्य अरब पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध बनाने की कोशिश की.

चीन की मध्यस्थता में हुए एक ऐतिहासिक सौदे में, तेहरान और रियाद ने मार्च 2023 में संबंधों को बहाल करने और अपने-अपने दूतावासों को फिर से खोलने पर सहमति व्यक्त की.

2- डिप्लोमेट के तौर पर रहा लंबा करियर
ईरानी विदेश सेवा में एक डिप्लोमेट के रूप में, उनकी पोस्टिंग में 1997 से 2001 तक इराक और 2007 से 2010 तक बहरीन शामिल थे.

पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के तहत, अमीर-अब्दुल्लाहियन ने अरब और अफ्रीकी मामलों के लिए उप विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया.

3-परमाणु कार्यक्रम पर से बातचीत शुरू करने की कोशिश
अमीर-अब्दुल्लाहियन ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रुकी हुई बातचीत को फिर से शुरू करने के प्रयासों में शामिल थे. बता दें पश्चिमी सरकारों के साथ 2015 के समझौते के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2018 में समझौते से एकतरफा वापस हो गया था. हालांकि बातचीत रुकी हुई है.

4-ईरानी सेना से मजबूत संबंध
अपने पूरे करियर के दौरान, अमीर-अब्दुल्लाहियन को ईरान की सेना की वैचारिक शाखा, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के साथ अपने मजबूत संबंधों के लिए जाना जाता था.

वह आईआरजीसी जनरल कासिम सुलेमानी के करीबी थे, जो इसके विदेशी संचालन शाखा के कमांडर थे. सुलेमानी  बगदाद में 2020 के अमेरिकी हमले में मारे गए थे.

अमीर-अब्दुल्लाहियन ने सीरिया और इराक के ‘विघटन’ को रोकने के लिए सुलेमानी की ‘रणनीतिक प्रतिभा’ की सराहना की थी.

5-इजरायल के खिलाफ सख्त स्टैंड
पिछले महीने, गाजा पट्टी में चल रहे युद्ध की वजह से क्षेत्रीय तनाव बढ़ने के साथ अमीर-अब्दुल्लाहियन ने दुश्मन इजरायल पर तेहरान के पहले सीधे हमले का बचाव किया.

ईरानी हमला इजरायल की एयर स्ट्राइक के जवाब में था, जिसके लिए व्यापक रूप से इजरायल को दोषी ठहराया गया था. इस एयर स्ट्राइक में तेहरान के दमिश्क वाणिज्य दूतावास को नष्ट कर दिया था.

अमीर-अब्दुल्लाहियन ने ईरानी हमले को ‘वैध रक्षा और अंतरराष्ट्रीय कानून के ढांचे के भीतर’ बताया.  बाद में उन्होंने ईरान के केंद्रीय प्रांत इस्फ़हान पर कथित जवाबी कार्रवाई में इजरायली हमले को कम महत्व देते हुए कहा कि यह बच्चों के खेल के समान था.

अमीर-अब्दुल्लाहियन का जन्म 1964 में तेहरान के पूर्व में दमघान शहर में हुआ था. वह शादीशुदा थे और उनके दो बच्चे थे.

अमीर-अब्दुल्लाहियन का जन्म 1964 में तेहरान के पूर्व में दमघान शहर में हुआ था. वह शादीशुदा थे और उनके दो बच्चे थे. अमीर-अब्दुल्लाहियन ने 1991 में तेहरान विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बेचलर की डिग्री हासिल की थी, बाद में उसी क्षेत्र में मास्टर डिग्री और डॉक्टरेट की उपाधि पूरी की.

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