Designated survivor: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की गूंज है. ऐसे में आपको एक खास कोड के बारे में जानना चाहिए. हां, एक ऐसा गुप्त प्लान जिसके तहत अमेरिका 24 घंटे महाविनाशक स्थिति के लिए तैयार रहता है. दरअसल, अगर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और बाकी पूरी कैबिनेट एक साथ खत्म हो जाए तो भी अमेरिका में एक शख्स कमान संभालने के लिए जिंदा रहेगा.
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दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क कहे जाने वाले अमेरिका के बेहद सीक्रेट प्लान के बारे में कम लोगों को पता है? हां, एक ऐसा प्लान जो भयानक हालात के लिए 24 घंटे तैयार रहता है. वैसे तो अमेरिका ही नहीं, दुनियाभर के लोकतांत्रिक देशों में उत्तराधिकारियों का क्रम बना होता है, जिसके आधार पर राष्ट्राध्यक्ष की मौत होने पर क्रम में दूसरे पायदान वाले शख्स के पास सरकार की कमान आ जाती है लेकिन अमेरिका का प्लान थोड़ा अलग है. वह उस मनहूस दिन के लिए तैयार होता है, जब एक साथ पूरी सरकार खत्म हो जाए. जी हां, अमेरिका इस सीक्रेट कोड के बारे में कम जानकारी सार्वजनिक करता है. उसे Designated Survivor (डेसिग्नेटेड सर्वायवर) कहते हैं.
वो एक दिन जब अमेरिकी सरकार...
अमेरिका ने उस स्थिति के लिए प्लान तैयार कर रखा है जब किसी बड़े हमले में एक साथ अमेरिका के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, कांग्रस के संयुक्त सत्र के दौरान सभी सदस्य, कैबिनेट के मंत्री मतलब सरकार चलाने के लिए जिम्मेदार हर शख्स की मौत हो जाए. आपको जानकर हैरानी होगी कि तब भी अमेरिका का एक लीडर जिंदा रहेगा. जी हां, यह शख्स उस जगह से दूर बैठाया जाता है. वह वहीं से इवेंट को देखता है.
दअसल, स्टेट ऑफ यूनियन एड्रेस के तहत कांग्रेस का संयुक्त सत्र आयोजित किया जाता है. यह शायद एकमात्र मौका होता है जब अमेरिकी सरकार का हर नुमाइंदा एक ही जगह मौजूद हो. अगर संसद के उस चैंबर में कोई भीषण घटना घटती है तो क्या होगा? अमेरिका ने इस सवाल का जवाब दशकों पहले 1981 में ही ढूंढ लिया था. शीत युद्ध के दौरान उस साल पहली बार designated survivor की शुरुआत हुई.
कौन चुनता है वो सीक्रेट शख्स
कुछ महीने पहले जब संसद का संयुक्त सत्र हुआ था तब शिक्षा मंत्री मिगुएल कार्डोना डेसिग्नेटेड सर्वाइवर थे. इस जिम्मेदारी के लिए कैबिनेट के ही किसी सदस्य को व्हाइट हाउस की तरफ से चुना जाता है और उस दिन उसे बेहद सुरक्षित जगह पर ले जाया जाता है. वह वहीं से स्पीच सुनता है और किसी भी विषम परिस्थिति के लिए तैयार रहता है.
खास बात यह है कि डेसिग्नेटेड सर्वाइवर कैबिनेट का सदस्य होने के बावजूद स्टेट ऑफ यूनियन एड्रेस में शामिल नहीं होता है बल्कि वह किसी बड़े हमले की स्थिति में अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार बैठा रहता है. कुछ वैसे ही जैसे क्रिकेट मैच के दौरान पवेलियन में बल्लेबाज बैठे होते हैं. अमेरिका का कानून कहता है कि राष्ट्रपति के बाद उत्तराधिकाी के क्रम में उपराष्ट्रपति, स्पीकर, सीनेट प्रोटेम, विदेश मंत्री, वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री होते हैं. अमेरिका यह मानकर चलता है कि उस दिन अगर कोई घटना घटती है तो क्या होगा.
वो राष्ट्रपति बनने के लिए तैयार रहता है...
डेसिग्नेटेड सर्वाइवर चुनने की एक प्रक्रिया होती है क्योंकि किसी को भी अमेरिका का राष्ट्रपति नहीं बनाया जा सकता. जैसे, जो अमेरिकी नागरिक विदेश में जन्मे हैं वे राष्ट्रपति पद के योग्य नहीं है. डेसिग्नेटेड सर्वाइवर चुनने के बाद उस शख्स को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है. अमेरिका इस बारे में कोई जानकारी पब्लिक नहीं करता. इस सीक्रेट इंसान को कड़ी सुरक्षा में रखा जाता है. किसी को भी पता नहीं होता है कि उन्हें कहां रखा गया है. सीबीएस न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक न्यूक्लियर फुटबॉल लिए एक मिलिट्री ऑफिसर भी उनके साथ-साथ रहता है. यह वही ब्रीफकेस होता है जिसके जरिए अमेरिका के राष्ट्रपति न्यूक्लियर अटैक का आदेश दे सकते हैं. मतलब यूं समझिए कि वह शख्स कुछ समय के लिए संभावित राष्ट्रपति ही होता है.
Designated survivor नाम से एक वेब सीरीज भी बन चुकी है. खबर में जो तस्वीर लगी है, वो उसी वेब सीरीज का एक दृश्य है.
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