Russia-Ukraine War: पुतिन के 'पक्के दोस्त' ने बगावत की नाकाम! इस शर्त पर विद्रोही वैगनर ग्रुप हुआ राजी
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Russia-Ukraine War: पुतिन के 'पक्के दोस्त' ने बगावत की नाकाम! इस शर्त पर विद्रोही वैगनर ग्रुप हुआ राजी

Wagner Group Mutiny: यूक्रेन से जंग में वैगनर लड़ाकों (Wagnor Fighters) को जरूरी गोला बारूद ना मुहैया कराने का भी आरोप लगाया. रूसी रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु से येवगेनी के गंभीर मतभेद होने की बात सामने आई है.

Russia-Ukraine War: पुतिन के 'पक्के दोस्त' ने बगावत की नाकाम! इस शर्त पर विद्रोही वैगनर ग्रुप हुआ राजी

Wagner Group Russia: रूस (Russia) में विद्रोह करने वाले वैगनर ग्रुप (Wagnor Group) के लड़ाके कैंप में वापस जाने के लिए राजी हो गए हैं. बेलारूस के राष्ट्रपति के बीच-बचाव के बाद ही वैगनर प्रमुख ने अपने रुख में बदलाव किया. इस दौरान मास्को की सड़कों और क्रेमलिन के आस-पास जिस तरह की हलचल दिखी वो प्रेसिंडेंट के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था. भाड़े के वो सैनिक जिनके दम पर राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन जंग जीतने का दावा कर रहे थे. वो वैगनर ग्रुप जो रुस के सबसे खूंखार लड़ाके माने जा रहे थे. उन्होंने बगावत की तो मास्को की सड़कों पर दहशत का माहौल कायम हो गया. क्रेमलिन के आस-पास टैंक और बख्तरबंद गाड़ियां नजर आने लगीं. रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा बढ़ा दी गई. क्रेमलिन की ओर आने वाले रास्तों पर वैगनर लड़ाकों को रोकने के लिए गड्ढे खोद दिए गए.

संकटमोचन बना पुतिन का ये दोस्त

कई महीनों से रूस की पेशेवर सेना के नेतृत्व के खिलाफ बोलने वाले वैगनर मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन खुली बगावत कर देंगे. वो भी उस वक्त जब यूक्रेन पलटवार पर है ये किसी ने भी नहीं सोचा था. लेकिन रूस पर मंडराए इस सबसे बड़े खतरे पर संकटमोचन बनकर आए बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको. उन्होंने वैगनर प्रमुख से बात की जिसके बाद वैगनर लड़ाके जो मास्को की ओर कूच कर रहे थे रुक गए.

नहीं बनाना चाहते हैं रूसी खून

येवगेनी ने ऐलान किया कि वो अपने फैसले में बदलाव कर रहे हैं. अब मास्को की ओर कूच ना करके अपने फील्ड कैंपों में वापस जा रहे हैं. हम रूसी खून नहीं बहाना चाहते. वैगनर लड़ाकों के वापस कैंप लौटने की खबर के बाद रूसी रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी किया. देश में सशस्त्र विद्रोह की कोशिश को रूसी समाज ने खारिज कर दिया है. सभी राष्ट्रपति पुतिन का समर्थन करते हैं. साजिशकर्ता का उद्देश्य रूसी संघ के प्रयासों को कमजोर करना है. विद्रोह रूस के बाहरी दुश्मनों के हाथों में है. इससे पहले वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने राष्ट्रपति पुतिन को सत्ता से उखाड़ फेंकने की धमकी दी थी.

पुतिन-लुकाशेंको की दोस्ती आई काम

वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोजिन ने कहा कि हम सिर्फ पेशेवर लोगों से लड़ेंगे, लेकिन अगर कोई भी हमारे रास्ते में आया तो हम, हमारे रास्ते में आने वाली हर चीज तो तबाह कर देंगे. हम किसी की भी मदद के लिए हाथ बढ़ाने को तैयार हैं पर इसे झटकने की कोशिश न करें. हम खुलकर आगे बढ़ रहे हैं. अब हमें कोई रोक नहीं सकता. लेकिन इस बीच बेलारूस के राष्ट्रपति बीच बचाव किया. इसके लिए राष्ट्रपति पुतिन ने अलेक्जेंडर लुकाशेंको को इसके लिए धन्यवाद दिया है. हलांकि रूसी राष्ट्रपति ने विश्वासघात करने वालों को सख्त सजा देने की बात कही थी. 

व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मैं दोबारा कहना चाहता हूं कि कोई भी आंतरिक उथल-पुथल हमारे राज्य हमारे राष्ट्र के लिए वजूद का खतरा पैदा कर सकती है. ये रूस और हमारे लोगों के लिए बड़ा झटका है. इस तरह के खतरे के खिलाफ हम जो कदम उठाएंगे, वो बहुत ही सख्त होगा. जो कोई भी सोच-समझ कर विश्वासघात करेगा, सशस्त्र विद्रोह करेगा और आतंक और ब्लैकमेल का रास्ता चुनेगा, उसके लिए हर हाल में सजा तय है. उसे हमारे कानून और हमारे लोगों, दोनों को जवाब देना होगा.

कहा जा रहा है कि मौजूदा वक्त में वैगनर प्रमुख के पास करीब 25,000 लड़ाकों की फौज है. इनका दक्षिण रूस के शहर रोस्तोव ऑन डान पर नियंत्रण है. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि जो प्रिगोजिन कभी व्लादिमीर पुतिन के करीबियों में गिने जाते थे वो विद्रोह पर उतर आए. दरअसल, वैगनर लड़ाकों ने यूक्रेन के कई इलाकों में कब्जा किया लेकिन इसका पूरा क्रेडिट रूसी आर्मी ने लिया.

रूस के हालात पर यूक्रेन समेत पश्चिमी देश करीबी नजर बनाए हुए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लादिमीर जेलेंस्की ने निशाना साधते हुए कहा कि जो भी बुराई का रास्ता चुनता है वो खुद को नष्ट कर लेता है. लंबे समय तक रूस ने अपनी कमजोरी छुपाने के लिए झूठा प्रचार किया. रूस जितनी देर तक अपनी सेना और भाड़े के सैनिकों को हमारी जमीन पर रखेगा, उसे उतनी ही अधिक अराजकता, दर्द और समस्याएं होंगी. यूक्रेन इस वक्त युद्ध में रूस पर पलटवार कर रहा है. पश्चिमी देशों की मदद से वो रूस के कब्जे वाले कई शहरों को फिर से हासिल करने का दावा कर रहा है. ऐसे में प्रेसिंडेट पुतिन के सामने इस वक्त यूक्रेन के साथ वैगनर विद्रोह को कुचलना सबसे बड़ी चुनौती है.

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