स्वीडन में कुरान जलाने की इस्लामिक देशों ने की निंदा, जानें तुर्की, पाकिस्तान, सऊदी अरब ने क्या कहा
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स्वीडन में कुरान जलाने की इस्लामिक देशों ने की निंदा, जानें तुर्की, पाकिस्तान, सऊदी अरब ने क्या कहा

Sweden News: तुर्की के खिलाफ स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में दक्षिणपंथी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन्हीं प्रदर्शनों के दौरान स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर अति दक्षिणपंथी नेता ने शनिवार को क़ुरान की एक प्रति जलाई.

स्वीडन में कुरान जलाने की इस्लामिक देशों ने की निंदा, जानें तुर्की, पाकिस्तान, सऊदी अरब ने क्या कहा

Sweden Quran Burning: स्वीडन में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान इस्लाम की पवित्र पुस्तक क़ुरान की प्रति जलाने की घटना का कई देशों ने कड़ी निंदा की है. तुर्की ने कुरान की एक प्रति जलाने की निंदा करते हुए इसे इसे ‘घिनौना कृत्य" बताया.

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम अपनी पवित्र किताब पर हुए हमले की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करते हैं... इस इस्लाम विरोधी कृत्य की अनुमति देना, जो मुसलमानों को निशाना बनाता है और हमारे पवित्र मूल्यों का अपमान करता है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में पूरी तरह से अस्वीकार्य है.‘

अंकारा ने स्वीडन से विरोध प्रदर्शन ख़त्म करने अपील की और स्वीडन के रक्षा मंत्री पाल जॉनसन का तुर्की दौरा रद्द कर दिया. तुर्की के मुताबिक यह दौरा अब अपना महत्व और अर्थ खो चुका है. बता दें तुर्की और स्वीडन के बीच नाटो सदस्यता के मुद्दे पर विवाद रहा है.   

क्या है पूरा मामला ?
बता दें NATOसदस्यता हासिल करने के लिए स्वीडन के लिए तुर्की का समर्थन जरूरी है. तुर्की 1952 में नाटो में शामिल हुआ था और उसने अब तक स्वीडन और कुछ हद तक फ़िनलैंड के प्रयासों का समर्थन नहीं किया है. उसका आरोप है कि दोनों देशों ने तुर्की की सुरक्षा चिंताओं की अनदेखी की है.

स्वीडन और फिनलैंड ने सैन्य गुटनिरपेक्षता की अपनी पुरानी नीतियों को त्याग दिया है और फरवरी में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में सदस्यता के लिए आवेदन किया है. दोनों देशों को डर है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उन्हें अगला निशाना बना सकते हैं.

स्वीडन के दक्षिणपंथी नेता ने जलाई कुरान की कॉपी
तुर्की के इस रुख का खिलाफ स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में दक्षिणपंथी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन्हीं प्रदर्शनों के दौरान स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के बाहर अति दक्षिणपंथी स्ट्राम कुर्स पार्टी के नेता रासमुस पैलुदान ने शनिवार को क़ुरान की एक प्रति जलाई.

हालांकि तुर्की स्वीडन और फिनलैंड को नाटो सदस्यता देने का विरोध करता रहा है लेकिन पिछले साल जून में यूक्रेन युद्ध के बीच तुर्की ने फिनलैंड और स्‍वीडन को नाटो में शामिल करने से रोकने को लेकर अपना वीटो हटा दिया था.

अन्य इस्लामिक देशों ने इस घटना पर क्या कहा?

सऊदी अरब
सऊदी अरब ने भी एक चरमपंथी द्वारा स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के सामने पवित्र कुरान की एक प्रति जलाने की कड़ी निंदा की है.  विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘सऊदी अरब बातचीत, सहिष्णुता, सह-अस्तित्व की अहमियत को समझते हुए इसे बढ़ाने में यक़ीन रखता है और नफ़रत, अतिवाद को ख़ारिज करता है.’

कतर
क़तर ने भी इस घटना की निंदा की और विरोध प्रदर्शन को करने की इजाज़त देने के लिए स्वीडन के अधिकारियों की निंदा की है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘दुनिया के दो अरब मुसलमानों की भावनाओं को भड़काने और उन्हें उकसाने की बेहद गंभीर घटना है.'

विदेश मंत्रालय ने अंततराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वो नफ़रत, भेदभाव, उकसावे की कार्रवाई, हिंसा की निंदा करने की ज़िम्मेदारी लें.

पाकिस्तान
पाकिस्तान ने स्वीडन में क़ुरान जलाए जाने की घटना की कड़ी निंदा की है. पाकिस्तान ने कहा, ‘इस तरह की हरकतें किसी भी तरह से अभिव्यक्ति की आज़ादी या जायज़ हरकत नहीं ठहराई जा सकती हैं. इस्लाम शांति और मुसलमानों का धर्म है, जो सभी धर्मों का सम्मान करता है. इस सिद्धांत का सभी को सम्मान करना चाहिए.’

ओआईसी
ओआईसी के सेक्रेट्री जनरल हिसिन ब्राहिम ताहा ने भी इस घटना की निंदा की है और कहा कि यह सब स्वीडिश अधिकारियों की अनुमति से हुआ है.

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