Wagner Group Future: मिटेगा नामोनिशान या मिलेगा नया नेता? प्रिगोझिन की मौत के बाद वैग्नर ग्रुप के भविष्य पर उठे सवाल
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Wagner Group Future: मिटेगा नामोनिशान या मिलेगा नया नेता? प्रिगोझिन की मौत के बाद वैग्नर ग्रुप के भविष्य पर उठे सवाल

Putin Vs Yevgeny Prigozhin: वैगनर ग्रुप चीफ प्रिगोझिन की मौत के बाद अब इसके भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं. कुछ ही महीनों पहले इस ग्रुप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया था. 

Wagner Group Future: मिटेगा नामोनिशान या मिलेगा नया नेता? प्रिगोझिन की मौत के बाद वैग्नर ग्रुप के भविष्य पर उठे सवाल

Prigozhin Death: प्राइवेट मिलिट्री ग्रुप वैग्नर की मौजूदगी सीरिया की पुरानी युद्ध भूमि से लेकर सब सहारा अफ्रीकी क्षेत्र तक है. यही प्राइवेट सैनिकों के साथ रूस के वैश्विक प्रभाव के बारे में बताने के लिए काफी है. लेकिन एक प्राइवेट विमान हादसे में वैग्नर चीफ येवगेनी प्रिगोझिन की कथित मौत के बाद इस पर चर्चा तेज हो गई है कि अब वैग्नर ग्रुप का भविष्य क्या है. यह सवाल इसलिए है क्योंकि इस ग्रुप के सैनिक अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं. 

वैग्नर पर खूंखार फोर्सेज का इस्तेमाल करने और जब्त की गई खनिज संपदा से मुनाफा कमाने का आरोप है. अब तक वैग्नर ग्रुप येवगेनी प्रिगोझिन के अधीन रहा. इस हफ्ते की शुरुआत में जारी किए गए एक वीडियो में प्रिगोझिन किसी अज्ञात सूखे और धूल भरे मैदान में एक असॉल्ट राइफल के साथ सैन्य वर्दी में दिख रहे हैं. यह उनका आखिरी वीडियो भी हो सकता है. 

विमान हादसे में प्रिगोझिन की मौत

इस वीडियो में उन्होंने दावा किया था कि वैग्नर रूस को सभी महाद्वीपों पर और महान बना रहा है और अफ्रीका को और ज्यादा आजाद बना रहा है. प्राइवेट आर्मी मुहैया कराने वाले वैग्नर ग्रुप के प्रमुख प्रिगोझिन और उनके आला साथियों को लेकर जा रहा एक प्राइवेट जेट मॉस्को के उत्तर पश्चिम में बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. 

यह घटना ऐसे समय पर घटी, जब दो महीने पहले ही प्रिगोझिन की अगुआई में वैग्नर ग्रुप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सत्ता को चुनौती दी थी. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि विद्रोह के कारण प्रिगोझिन (कथित तौर पर मर चुके) को हत्या के इरादे से निशाना बनाया गया. हालांकि रूस ने इसमें शामिल होने से इनकार किया है. 

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वैग्नर ग्रुप के भविष्य पर उठे सवाल

इस हादसे ने प्रिगोझिन की प्राइवेट सेना वैग्नर के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं जिसने विद्रोह से पहले यूक्रेन में रूसी सेना के साथ जंग लड़ी थी. रूसी अधिकारियों ने प्रिगोझिन की मौत की पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट के नतीजों का इंतजार करने की जरूरत का हवाला दिया है, लेकिन पुतिन ने आसमान से जेट गिरने के बाद संवेदना जताई है. 

क्रेमलिन की वेबसाइट पर शुक्रवार देर रात एक आर्टिकल छपा, जिसमें एक आदेश के मुताबिक, रूसी नेता ने वैग्नर ग्रुप के सैनिकों को रूसी सरकार के प्रति निष्ठा की शपथ पर दस्तखत करने का आदेश दिया है. दरअसल पश्चिमी देशों की मीडिया में कहा जा रहा है कि  पुतिन के आदेश पर वैग्नर नेता की हत्या की गई होगी. 

एक्सपर्ट्स ने कह दी ये बात

अफ्रीकी देशों में वैग्नर ने अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकियों से वहां के नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराई है. अधिकारियों और टिप्पणीकारों का अनुमान है कि वहां रूस फोर्सेज को नया नेता देकर अपनी मौजूदगी बनाए रखेगा. हालांकि, अन्य लोगों का कहना है कि प्रिगोझिन ने गहरे और निजी संबंध बनाए थे और उनकी जगह तुरंत किसी और को तैनात करना मॉस्को के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

अफ्रीका रूस के लिए आर्थिक और राजनीतिक रूप से बेहद अहम है. इस साल गर्मी के दौरान वैग्नर ने मध्य अफ्रीकी गणराज्य में एक राष्ट्रीय जनमत संग्रह सुनिश्चित करने में मदद की जिसने राष्ट्रपति की शक्ति को मजबूत किया, यह सशस्त्र विद्रोहियों से लड़ने में माली की सेना का एक प्रमुख भागीदार है और इसने नाइजर में सैन्य जुंटा से संपर्क किया जो तख्तापलट के बाद इसकी सेवाएं चाहता है. 

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रूस को युद्ध में नए सहयोगियों की तलाश

संबंधों का विस्तार करना और अफ्रीका में पश्चिमी प्रभाव को कम करना इसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है, क्योंकि यूक्रेन से युद्ध के बीच रूस को नए सहयोगियों की तलाश है, जहां वैग्नर फोर्स ने भी एक अहम लड़ाई जीतने में मदद की थी. अफ्रीका के 54 देश संयुक्त राष्ट्र में सबसे बड़ा मतदान समूह हैं और मॉस्को ने अपने हमले के प्रति उनका समर्थन जुटाने के लिए सक्रिय रूप से काम किया है. 

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने शुक्रवार को कहा, 'वैग्नर के सैनिक अस्थिरता पैदा कर रहे हैं. हमने अफ्रीका के देशों को उनकी मौजूदगी के साथ-साथ उनके कामों की निंदा करने के लिए बढ़ावा दिया है.' 

प्रिगोझिन के निधन से पड़ेगा असर

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रिगोझिन के निधन से साफ तौर से वैग्नर समूह पर गहरा और अस्थिर करने वाला प्रभाव पड़ेगा. लेकिन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने वैग्नर के भविष्य के बारे में टिप्पणी करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. 

प्रिगोझिन ने साल 2014 में वैग्नर ग्रुप की स्थापना की थी, जिसका मकसद केवल रूसी के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाना नहीं था. सीरिया, लीबिया, सूडान और अन्य जगहों पर समूह के ठेकेदारों ने खुद को समृद्ध करने के लिए उन देशों की खनिज और ऊर्जा संपदा का दोहन किया. मध्य अफ्रीकी गणराज्य के विधायक और विपक्षी नेता मार्टिन जिगुएले ने कहा कि वैग्नर समूह सोने का खनन, लकड़ी और अन्य उद्योगों में सक्रिय थे, वह भी बिना कर चुकाए. 

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'यह सिर्फ लूटपाट है'

उन्होंने कहा, 'हम केवल यह नतीजा निकाल सकते हैं कि यह लूटपाट है. विद्रोह के बाद पुतिन और प्रिगोझिन में हुए समझौते के तहत वैग्नर के लड़ाके माफी मिलने के बदले बेलारूस चले गए. हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि नाइजर में हुए तख्तापलट में रूस या वैग्नर की कोई भूमिका थी, लेकिन आशंका है कि क्रेमलिन पश्चिम अफ्रीका में पश्चिमी देशों को कमजोर करने के लिए इसका फायदा उठा सकता है. 

माली में भाड़े के सैनिक सक्रिय हैं और बुर्किना फासो में भी उनकी संदिग्ध उपस्थिति है. नाइजर के निवासियों का कहना है कि प्रिगोझिन की कथित मौत रूस को अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश करने से नहीं रोक पाएगी. नियामी की दर्जी बाराउ सुलेमानिन से कहा, 'हमारा मानना ​​है कि रूस यहां अपना आधार बनाना चाहता है और लोकप्रिय होना चाहता है. यह स्पष्ट है कि वे यहां रहना चाहते हैं.

माली में एक सैन्य जुंटा ने 2020 में सत्ता पर कब्जा कर लिया और फ्रांसीसी सैनिकों, राजनयिकों और मीडिया को निष्कासित करने के साथ एक दशक लंबे संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन को खत्म करने का आदेश दिया. 

हालांकि, माली की सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर इसे मान्यता हासिल नहीं है, लेकिन वैग्नर के सैनिकों को ग्रामीण उत्तर में काम करने के लिए जाना जाता है, जहां विद्रोही और चरमपंथी समूह सरकार के खिलाफ सक्रिय हैं. 

‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ का कहना है कि माली की सेना वैग्नर के संदिग्ध भाड़े के सैनिकों के साथ मिलकर नरसंहार, लूटपाट और अपहरण करने में शामिल है. नेशनल असेंबली के पूर्व अध्यक्ष अली नौहौम डायलो ने कहा, वैग्नर के माध्यम से हमने जो अनुभव किया है, वह है हमारे लोगों का नरसंहार. 

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क्या पलायन कर गए वैग्नर लड़ाके?

बेलारूस में रूसी सैनिकों पर निगरानी रखने वाले एक समूह ‘बेलारूसी हाजुन’ ने गुरुवार को कहा कि सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि वैग्नर शिविर में एक तिहाई से अधिक तंबू नष्ट हो गए हैं, जो उनके संभावित पलायन का संकेत है. लेकिन राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको बेलारूस में लगभग 10,000 सैनिकों को रखने पर जोर दे रहे हैं जिसका विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया है. 

बेलारूस से निर्वासित विपक्षी नेता स्वियातलाना तिखानौस्काया ने कहा, प्रिगोझिन की मौत से बेलारूस में वैग्नर समूह की मौजूदगी खत्म हो जानी चाहिए, जिससे हमारे देश और उसके पड़ोसियों के लिए खतरा कम हो जाएगा.

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