Russia ने परमाणु क्षमता से लैस सरमत मिसाइल युद्ध ड्यूटी पर की तैनात, पश्चिम क्यों कहता है इसे ‘शैतान-2’
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Russia ने परमाणु क्षमता से लैस सरमत मिसाइल युद्ध ड्यूटी पर की तैनात, पश्चिम क्यों कहता है इसे ‘शैतान-2’

Sarmat Missile system: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस मिसाइल के बारे में कहा था, ‘यह वास्तव में अनोखा हथियार उन लोगों को दो बार सोचने पर मजबूर करेगी जो आक्रामक बयानबाजी की गर्मी में हमारे देश को धमकी देने की कोशिश करते हैं.’

Russia ने परमाणु क्षमता से लैस सरमत मिसाइल युद्ध ड्यूटी पर की तैनात, पश्चिम क्यों कहता है इसे ‘शैतान-2’

Russia News:  रूस ने शुक्रवार (1 सितंबर) को कहा कि परमाणु-सक्षम सरमत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल प्राणाली को युद्ध ड्यूटी पर तैनात किया गया है. आरआईए ने रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस के प्रमुख जनरल डायरेक्टर यूरी बोरिसोव के हवाले से यह जानकारी दी है.

आरआईए रिपोर्ट के कि ‘शेयर योर नॉलेज’ मैराथन के दौरान, बोरिसोव ने कहा कि ‘सरमत रणनीतिक परिसर को युद्ध ड्यूटी (Combat Duty) पर रखा गया है.’

 ‘दुश्मनों को दो बार सोचने पर करेगी मजबूर
पिछले साल अप्रैल में पुतिन ने सरमत मिसाइल सिस्टम के परीक्षण लॉन्च की घोषणा की थी. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक प्रक्षेपण के समय पुतिन ने सेना की सराहना करते हुए कहा, ‘मैं आपको सरमत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के सफल प्रक्षेपण पर बधाई देता हूं.’

पुतिन ने कहा, ‘यह वास्तव में अनोखा हथियार हमारे सशस्त्र बलों की युद्ध क्षमता को मजबूत करेगा, बाहरी खतरों से रूस की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और उन लोगों को दो बार सोचने पर मजबूर करेगी जो आक्रामक बयानबाजी की गर्मी में हमारे देश को धमकी देने की कोशिश करते हैं.’

पश्चिम क्यों कहता है इस मिसाइल को कहता है 'शैतान 2'
पश्चिमी विश्लेषकों ने सरमत मिसाइल प्रणाली को 'शैतान 2' करार दिया है. यह रूस की अगली पीढ़ी की मिसाइलों में से एक है जिसे पुतिन ने ‘अजेय’ कहा है और इसमें किन्झाल और एवांगार्ड हाइपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल हैं.

इसका वजन 200 टन से अधिक है. रूस ने दावा किया है कि सरमत बेजोड़ 16,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है और प्रत्येक मिसाइल पर 10 या अधिक हथियार तैनात किए जा सकते हैं. सरमत के साथ, रूस के पास इसे पृथ्वी के किसी भी ध्रुव पर दागने का विकल्प है. इसे ज़मीनी और उपग्रह-आधारित रडार और ट्रैकिंग सिस्टम के लिए एक बड़ी चुनौती माना जाता है.

सरमत का शुरुआती प्रक्षेपण चरण कथित तौर पर कम अवधि का है, जिससे निगरानी प्रणालियों को इसका पता लगाने के लिए बहुत कम समय मिलता है.

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