Gaza War: फलस्तीनी ग्रुप और इजरायल बीच रविवार को संघर्ष विराम लागू होने के बाद हमास ने तीन बंधकों को छोड़ दिया है. तीनों को लेकर रेड क्रॉस का काफिला इजरायल पहुंच गया है. उधर, अमन की खबर सुनकर लाखों बेघर अपने घर की तरफ लौटने लगे हैं.
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Gaza War: इजरायल और हमास के बीच रविवार को संघर्ष विराम समझौता पूरी तरह से लागू हो गया है. दोनों के बीच तय समझौते के मुताबिक सबसे पहले तीन युवतियों को रिहा किया गया और तीनों को को लेकर रेड क्रॉस का काफिला इसराइल पहुंच गया है. इसकी जानकारी आईडीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपित बाइडन ने कहा कि मई में उनके द्वारा बनाई गई रूपरेखा के तहत हुए युद्धविराम समझौते के तहत ‘गाजा में बंदूकें शांत हो गईं.
उधर, फलस्तीनी, युद्धग्रस्त गाजा पट्टी स्थित उन घरों के अवशेष की तरफ लौटना शुरू कर दिया है, जिन्हें उन्हें 15 महीने लंबे जंग के दौरान खाली करना पड़ा था. मिस्र से लगी गाजा पट्टी की दक्षिणी सीमा के उत्तर में मुवासी के विशाल तम्बू शहर में रह रहीं मजीदा अबू जराद ने बहुत तेजी से अपने परिवार के तम्बू की सामग्री को पैक करने का काम पूरा कर लिया. जंग की शुरुआत में उन्हें गाजा के उत्तरी शहर बेत हनौन स्थित अपने घर से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जहां वे गर्मियों की शाम में गुलाब और चमेली की खुशबू के बीच रसोई की मेज के आसपास या छत पर अक्सर इकट्ठे होते थे.
As the Hamas Rapist Regime frees three hostages, do not forget that it is promising to do October 7 "again and again". We have to get all the hostages out. And we have to make sure Hamas can never kidnap them again. pic.twitter.com/tOG3OIqYVQ
— Eylon Levy (@EylonALevy) January 19, 2025
इजरायली सेना द्वारा एक के बाद एक निकासी आदेश के बाद अबू जराद, उनके पति और उनकी छह बेटियों ने गाजा पट्टी की लंबी यात्रा की है. उन्होंने कहा कि वे (परिवार के लोग) सात बार भागे और हर बार उनका जीवन उनके लिए और अधिक अपरिचित हो गया, क्योंकि वे स्कूल के कमरों में सोने के लिए अजनबियों के साथ भीड़ में शामिल होते थे, एक विशाल तम्बू शिविर में पानी की तलाश करते थे या सड़क पर सोते थे। अब यह परिवार जो कुछ भी बचा है उसकी ओर रवाना होने की तैयारी कर रहा है और अपने रिश्तेदारों से दोबारा मिलना चाहता है.
अबू जराद ने कहा, "जैसे ही उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम रविवार को शुरू होगा, हमने अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया और फैसला करने लगे कि हम क्या ले जाएंगे, बिना इस बात की परवाह किए कि हम अब भी तंबू में रहेंगे."
क्या है पूरा मामला?
गाजा में जंग तब शुरू हुआ जब हमास के नेतृत्व वाले लड़ाकों ने सात अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायल पर हमला किया, जिसमें कीरब 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया. कीरब 100 बंधक अब भी गाजा के अंदर हैं, जिनमें से कम से कम एक तिहाई को मृत माना जा रहा है.
19 लाख हो गए थे विस्थापित
इजरायली सेना की बमबारी ने गाजा के बड़े हिस्से को तबाह कर दिया है और इसके 23 लाख निवासियों में से 19 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं. सीजफायर के आधिकारिक तौर पर प्रभावी होने से पहले ही कई फलस्तीनियों ने अपने घरों तक पहुंचने के लिए मलबे के बीच से यात्रा शुरू कर दी. कुछ लोग पैदल जाते दिखे, तो कुछ लोग गधा गाड़ियों पर अपना सामान ढो रहे थे. एक विस्थापित फलस्तीनी और दो बच्चों के पिता मोहम्मद महदी ने कहा, "वे मलबे में दबे अपने प्रियजनों को निकालने के लिए लौट रहे हैं."