जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि स्थानीय समयानुसार बुधवार रात 11 बजकर 36 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र समुद्र में 60 किलोमीटर की गहराई में था. यह क्षेत्र उत्तरी जापान का हिस्सा है, जो 2011 में नौ तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप और सुनामी से तबाह हो गया था. भूकंप के कारण परमाणु आपदा भी आई थी.
न्यूज एजेंसी एएफपी ने टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के हवाले से बताया कि भूकंप के बाद करीब 20 लाख घरों की बिजली सप्लाई बाधित हुई और वे अंधेरे में डूब गए. इसमें सिर्फ राजधानी टोक्यो के 700,000 घर शामिल हैं.
जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने गुरुवार सुबह संसद के एक सत्र में कहा कि भूकंप के दौरान चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 97 अन्य घायल हुए हैं.
प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने कहा कि भूकंप के कारण फुकुशिमा और मियागी के बीच एक तोहोकू शिंकानसेन एक्सप्रेस ट्रेन आंशिक रूप से पटरी से उतर गई, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि सरकार नुकसान का आकलन कर रही है. इसके साथ ही उन्होंने बचाव एवं राहत कार्यों के लिए हर संभव प्रयास करने का वादा किया.
भूकंप के कारण कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है और कई घरों की टूटी दीवारें जमीन पर गिरी दिखाई दी. फुकुशिमा शहर में खिड़कियों के टुकड़े दिखाई दे रहे हैं और कई सड़कें भी टूट गई हैं.
भूकंप के झटकों ने जापान के लोगों के जहन में साल 2011 की फुकुशिमा त्रासदी की काली यादें ताजा कर दी, जब 11 साल पहले जापान में 9.0-9.1 तीव्रता का भयानक भूकंप आया था, जिसके बाद आई सुनामी ने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को बर्बाद कर दिया था. सुनामी से करीब 18,500 लोग मारे गए थे या लापता हो गए थे.
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