UK संसद में मनाई गई कश्मीर के भारत में विलय की एनिवर्सरी, PAK को झटका; एक्टिविस्ट बोले- 'तू कौन मैं खामखा'
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UK संसद में मनाई गई कश्मीर के भारत में विलय की एनिवर्सरी, PAK को झटका; एक्टिविस्ट बोले- 'तू कौन मैं खामखा'

Jammu Kashmir News: सोशल मीडिया के युग में बहुत सी चीजों में बदलाव आया है. लोगों की चेतना जागी है. पाकिस्तान का डर कम हुआ है. इसलिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहने वाले लोग भी खुल कर अपने हक की आवाज उठा रहे हैं. 

UK संसद में मनाई गई कश्मीर के भारत में विलय की एनिवर्सरी, PAK को झटका; एक्टिविस्ट बोले- 'तू कौन मैं खामखा'

Jammu Kashmir Day in UK Parliament: कश्मीर के भारत में विलय की एनिवर्सरी और खुशियां भारत के साथ ब्रिटिश संसद में भी मनाई गईं. इस मौके की 76वीं वर्षगांठ पर हाउस ऑफ कॉमन्स यानी ब्रिटिश संसद में जम्मू और कश्मीर दिवस मनाया गया. इससे जुड़ा आयोजन ब्रिटेन स्थित जम्मू कश्मीर प्रवासी संघ ने किया. हैरो ईस्ट के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कार्यक्रम की मेजबानी की. इस मौके पर पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती हुई. दरअसल कश्मीरियों पर जुल्म और सितम करने वाले गुनहगार पाकिस्तान को पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के एक्टिविस्ट सज्जाद रजा (Sajjad Raja) ने आईना दिखाते हुए जमकर खरीखोटी सुनाई.

कश्मीरी एक्टिविस्ट ने पाकिस्तान को लगाई लताड़

गिलगित बालटिस्तान समेत PoK के लोग भी पाकिस्तानी पुलिस प्रशासन और फौज के सितम के खिलाफ बीते कुछ सालों में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे आवाज उठाने वालों को अक्सर मार दिया जाता है. ऐसे में लोग जान बचाने के लिए दूसरे देशों में शरण मांगते हैं और वहां से समय-समय पर अपने लोगों पर हो रहे अत्याचार की कहानियां सुनाने के साथ पाकिस्तान से आजादी की गुहार लगाते रहते हैं.

ब्रिटिश सरकार की गलती का खामियाजा भुगत रहे POJK को लोग: सज्जाद रजा

ताजा मामले में हाल ही में जब यूके की संसद में पीओके के एक्टिविस्ट सज्जाद रजा ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा- 'ब्रिटिश संसद में, मैंने बड़े स्पष्ट रूप से बिना किसी लाग लपेट के सभी सांसदों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को ये कह दिया कि पाकिस्तान, जम्मू और कश्मीर के विवाद में एक वैध पक्ष नहीं है. इस केस में केवल दो पक्ष हैं, वहां जम्मू-कश्मीर के लोग और भारत. मैंने सांसदों से ये भी कहा कि हम #POJK के लोग 1947 में ब्रिटिश सरकार द्वारा की गई गलतियों के कारण आज भी पीड़ित हैं और बिना किसी अधिकार के रहने को मजबूर हैं.'

आप भी सुनिए क्या बोले - समय समय पर पाक को आईना दिखाने वाले कश्मीरी एक्टिविस्ट

ब्रिटिश संसद में सिलसिलेवार तरीके से क्या हुआ? 

इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सांसदों में वोकिंग से सांसद जोनाथन लॉर्ड, थेरेसा विलियर्स और एमपी चिपिंग बार्नेट शामिल थे. विशेष अतिथियों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व शाही परिवार से अजातशत्रु सिंह और रितु सिंह शामिल थे. अन्य मुख्य वक्ताओं में पीओजेके (पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर) का प्रतिनिधित्व करने वाले एनईपी पार्टी के गौतम सेन, सुशील पंडित और सज्जाद राजा शामिल थे.

कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा का उठा मुद्दा

सांसद जोनाथन लॉर्ड ने जम्मू-कश्मीर के शाही परिवार और अन्य मेहमानों और दर्शकों का स्वागत किया. गौतम सेन ने कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा और उनके पुनर्वास का समर्थन करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के बारे में बात की. उन्होंने इसके लिए वोट बैंक की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया.

कश्मीर के भारत में विलय की कहानी

26 अक्टूबर, 1947 को जम्मू और कश्मीर का भारत में विलय हुआ था. महाराजा हरि सिंह ने विलय पत्र पर साइन किए थे. इसकी कहानी ये थी कि  पाकिस्तान की शय पर हमलावरों ने उत्तर और पश्चिम से जम्मू कश्मीर पर हमला किया था. महाराजा हरि सिंह ने शुरू में तटस्थ रहने की कोशिश की, लेकिन जब हमलावर उनके राज्य की राजधानी श्रीनगर पर कब्जा करने वाले थे तब उन्हें भारत से मदद मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा. भारत ने कश्मीर में सेना भेजी और आतताइयों को पीछे धकेल दिया. जिसके बाद कश्मीर भारत का हिस्सा बन गया था.

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