Pakistan Economic Crisis: रोटी को मोहताज पाकिस्तान पर क्यों मेहरबान हुआ सऊदी अरब? 8000 करोड़ के निवेश की क्या है वजह
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Pakistan Economic Crisis: रोटी को मोहताज पाकिस्तान पर क्यों मेहरबान हुआ सऊदी अरब? 8000 करोड़ के निवेश की क्या है वजह

Saudi Arabia investment in Pakistan: पाकिस्तान की माली हालत बेहद खराब है. जैसे तैसे धक्के मारकर गाड़ी खिंच रही है. 2020 तक पाकिस्तान को कर्ज देने वाले देशों में सऊदी पहले नंबर पर था. उसके बाद चीन-UAE का नंबर था. अब सऊदी ने उधार देना कम किया है. वहीं क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पाकिस्तान के साथ निवेश-निवेश खेल रहे हैं.

Pakistan Economic Crisis: रोटी को मोहताज पाकिस्तान पर क्यों मेहरबान हुआ सऊदी अरब? 8000 करोड़ के निवेश की क्या है वजह

Shehbaz Sharif, Mohammed bin Salman: गिरती अर्थव्यवस्था के बोझ से परेशान पाकिस्तान एक बार फिर इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) के दरवाजे पहुंचा है. वो चाहता है कि IMF उसे जल्द एक बेलआउट पैकेज दे दे. अपनी माली हालत को सुधारने के लिए पाकिस्तान को आर्थिक पैकेज की ज़रूरत कितनी ज़्यादा है? ये बात किसी से छिपी नहीं है. खासकर इमरान खान की सरकार के समय से उधारी मांगने का जो दौर शुरू हुआ उसे शहबाज शरीफ नेक्स्ट लेवल पर ले जा रहे हैं. शहबाज शरीफ ने सऊदी के फेरे बढ़ाए हैं तो उनके साथी IMF और वर्ल्ड बैंक की बैठकों में शामिल होने के लिए अमेरिका के चक्कर काट रहे हैं.  

पाकिस्तान के तीन सहारे- इस बार कौन सवारे?

पाकिस्तान की हालत ये हो गई है कि उसे एक कर्जा चुकाने के लिए दूसरा कर्जा लेना पड़ रहा है. शहबाज शरीफ का मांगना बंद नहीं हुआ है. ऐसे हालातों से तंग आकर चीन, UAE और सऊदी अरब ने उसे सीधे नया कर्जा देने के बजाए पाकिस्तान में निवेश का रास्ता अपनाया है. इसी कड़ी में सऊदी अरब जल्द ही पाकिस्तान में तांबा और सोने के खनन से जुड़े प्रोजेक्ट में 8.34 हजार करोड़ का निवेश करेगा.

शरीफ ने बढ़ाए सऊदी के फेरे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी विदेश मंत्री फैजल बिन फरहान अल सऊद हाल ही में पाकिस्तान गए थे. उसी दौरान माइनिंग डील पर बात बनी. इससे पहले पाकिस्तानी PM शाहबाज शरीफ ईद के मौके पर सऊदी गए थे. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उन्हें इफ्तार में बुलाया था. उस मुलाकात में भी शरीफ ने अपनी मुफलिसी का रोना रोया था. पाकिस्तान-सऊदी अरब की ताजा मेलमिलाप की बात करें तो सऊदी के क्राउन प्रिंस सलमान ने एक बार फिर इस्लामाबाद की मदद का भरोसा दिलाया है.

टूट चुके पाकिस्तान की मदद क्यों कर रहा सऊदी अरब?

पाकिस्तान और सऊदी अरब की दोस्ती दशकों पुरानी है. मुस्लिम ब्रदरहुड की भावना के अलावा भूतकाल में जब-जब सऊदी को जरूरत पड़ी है तो पाकिस्तान ने उसका साथ निभाया है. पाकिस्तान उसकी सामरिक रूप से मदद करता है तो बदले में सऊदी अरब, पाकिस्तान पर पैसों की बारिश करता है. पाकिस्तान फौज भी अक्सर सऊदी की चौखट में खड़ी नजर आती है. इसकी बड़ी वजह भी पैसा ही है.

पुराने करीबी रिश्तों के अलावा दोनों की नजदीकी की वजह आज के समय की जियोपॉलिटिक्स यानी आज के हालात और सऊदी की अपनी निजी मजबूरी है. दरअसल सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बीते 10 सालों से अपने मुल्क की ऑयल बेस्ड इकोनॉमी को किसी और सेक्टर में सेट करना चाहते है. ऐसे में वो ट्रेड के लिए नए-नए पार्टनर तलाश रहे हैं. भारत भी उनमें से एक है लेकिन यहां उनकी सबसे बड़ी मजबूरी ये है कि वो दिल्ली की तरफ झुके तो इस्लामाबाद की नाराजगी बढ़ सकती है. वहीं नजदीकी की दूसरी वजह ईरान भी है. 

ईरान है दूसरी बड़ी वजह

सऊदी में सुन्नी हैं तो ईरान में शिया. दोनों में वर्चस्व की जंग है. 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान में शिया धर्मगुरू सत्ता पर बैठे. सऊदी अरब को तब खतरा महसूस हुआ. जिसे काउंटर करने के लिए उसने सुन्नी मुस्लिम देशों में भरपूर पैसा बांटा. आज भी उस पैसे का अहसान एक-एक पाकिस्तानी मानता है. विदेश नीति के जानकारों का मानना है कि आपसी जरूरतों और सहयोग की भावना के चलते पाकिस्तान और सऊदी अरब का प्रेम और मेलजोल बना हुआ है. इसी वजह से सऊदी अरब जरूरत पड़ने पर न सिर्फ उसे कच्चा तेल देकर सहारा देता है बल्कि वहां के लोगों को रोजगार के मौके देने के लिए समय-समय पर निवेश भी करता रहता है.

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