पाकिस्तान में ट्विटर बैन पर मचा घमासान, फिर कोर्ट ने कुछ ऐसा किया.. शहबाज सरकार की धुकधुकी बढ़ गई
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पाकिस्तान में ट्विटर बैन पर मचा घमासान, फिर कोर्ट ने कुछ ऐसा किया.. शहबाज सरकार की धुकधुकी बढ़ गई

Pakistan News: ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान में फिर कुछ होने वाला है. ताजा मामला देख लीजिए.. शहबाज शरीफ ने लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के लिए काम शुरू कर दिया है. उधर मामला कोर्ट पहुंच गया. कोर्ट ने जवाब मांग लिया, सरकार सोच रही अब क्या होगा.

पाकिस्तान में ट्विटर बैन पर मचा घमासान, फिर कोर्ट ने कुछ ऐसा किया.. शहबाज सरकार की धुकधुकी बढ़ गई

Twitter Ban In Pakistan: दुनिया के सामने पाकिस्तान कितना भी शांति और शराफत का दूत बने लेकिन वहां आए दिन कुछ ना कुछ घमासान मचा रहता है. अब ताजा मामला आ गया. उसकी सरकार ने सुरक्षा का हवाला देते हुए ट्विटर बैन कर दिया. असल में हुआ यह कि लंबे समय से वहां सरकार और ट्विटर के बीच हॉट टॉक चल रही थी और अब शहबाज सरकार द्वारा एलन मस्क के स्वामित्व वाली माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे का हवाला देकर ब्लॉक कर दिया है. हालांकि सिंध हाईकोर्ट ने बुधवार को गृह मंत्रालय को एक सप्ताह के भीतर निलंबन के संबंध में अपना निर्णय रद्द करने का निर्देश दिया और इस पर जवाब मांगा है. अब देखना है कि क्या होगा. मुख्य न्यायाधीश अकील अहमद अब्बासी ने ‘एक्स’ की सेवाओं पर निलंबन को लेकर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा आप ऐसा करके क्या हासिल कर रहे हैं.

असल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए एलन मस्क के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ की सेवाओं को कुछ समय पहले ही निलंबित कर दिया गया था. पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) ने पिछले महीने अदालत को बताया था कि उसने गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों से निर्देश मिलने के बाद सोशल मीडिया मंच पर रोक लगा दी है. नियामक संस्था के बयान के बाद, गृह मंत्रालय ने एक अलग मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि ‘‘इंटरनेट पर अपलोड की गई सामग्री’’ देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘‘खतरा’’ है.

कोर्ट और सरकार अब आमने-सामने..
उधर सेवाओं के निलंबन को लेकर नाखुशी जताते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ‘एक्स’ और अन्य सोशल मीडिया मंच का इस्तेमाल करने से ‘‘विस्फोट’’ नहीं होता है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा लगता है कि ‘एक्स’ की सेवाओं को निलंबित करने का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि गृह मंत्रालय 17 फरवरी को जारी किए गए निर्देशों को वापस नहीं लेता है तो अदालत अपना आदेश पारित करेगी. इसके बाद अदालत ने सुनवाई नौ मई तक के लिए स्थगित कर दी और गृह मंत्रालय को उक्त तारीख पर सोशल मीडिया मंच की सेवाओं को निलंबित किये जाने का कारण बताने का निर्देश दिया.

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने आदेश के बाद एक हलफनामा दायर कर प्रतिबंध का बचाव किया है. हलफनामे में सरकार ने कहा है कि ट्विटर ने "पाकिस्तान सरकार के वैध निर्देशों का पालन करने और अपने मंच के दुरुपयोग के संबंध में चिंताओं को दूर करने में विफलता" दिखाई है. सरकार ने यह भी दावा किया है कि ट्विटर का इस्तेमाल "असंतोष फैलाने" और "देश की छवि खराब करने" के लिए किया जा रहा था. हलफनामे में आगे कहा गया है कि सरकार "अदालत के आदेश का सम्मान करती है" और "एक सप्ताह के अंदर उचित जवाब देने" की कोशिश करेगी.

धीरे-धीरे किया है बैन 
यह बात सही है कि पाकिस्तान में आम चुनाव के दौरान सरकार ने कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, समेत ट्विटर को ब्लॉक कर दिया था. यहां तक कि वोटिंग वाले दिन पूरे पाकिस्तान में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई थीं. चुनाव के बाद कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बहाल हो गए, लेकिन धीरे धीरे एक्सेस बंद हो गया. 

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