Pakistan air strike on Afghanistan: पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद तालिबान ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है. इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई है, साथ ही बरमल का मुर्ग बाजार गांव पूरी तरह तबाह हो गया है.
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Pakistan Taliban: पाकिस्तान द्वारा किए गए अफगानिस्तान के हमले ने तालिबान को भड़का दिया है. इस हमले में महिलाओं और बच्चों समेत 15 लोगों की मौत हो गई. पाकिस्तान की सीमा से लगे पक्तिका प्रांत के पहाड़ी इलाके में किए गए हमले में एक गांव तबाह हो गया और कहा जा रहा है कि मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है. साथ ही एपी की रिपोर्ट के अनुसार हमले में एक प्रशिक्षण सुविधा भी नष्ट हो गई और कुछ विद्रोही भी मारे गए हैं.
टीटीपी के ठिकाने पर हमला
मार्च के बाद से अफगानिस्तान के अंदर सीमावर्ती क्षेत्रों में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) यानी कि पाकिस्तानी तालिबान के कथित ठिकानों पर यह दूसरा पाकिस्तानी हमला है. इस्लामाबाद अक्सर दावा करता है कि टीटीपी पाकिस्तान में हमले करने के लिए अफगान धरती का इस्तेमाल करता है, जबकि काबुल इस आरोप से इनकार करता है.
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क्या है तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान
साल 2007 में बने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की शुरुआत कट्टरपंथी सुन्नी इस्लामी समूहों के एक छात्र संगठन के रूप में हुई थी. यह देश के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में एक अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र जो 7 जनजातीय एजेंसियों और 6 सीमांत क्षेत्रों से बना था. बैतुल्ला महसूद के नेतृत्व में इस संगठन गठित हुआ था, जो कि मारा जा चुका है. एक अनुमान के मुताबिक टीटीपी के 30,000 से 35,000 के बीच सदस्य हैं.
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हाल ही में मारे कई पाकिस्तानी सैनिक
टीटीपी की समय-समय पर पाकिस्तानी सेना के साथ झड़पों की खबरें आती रहती हैं. बीते दिनों से ये झड़पें बढ़ी हुईं थीं और टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना के कई सैनिकों को मार डाला था. जिसके बाद पाकिस्तान सरकार की खासी किरकिरी हुई. यहां तक कि इन सैनिकों की मौतों को छुपाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने जल्दबाजी में गधों पर लादकर शव हटाए थे. जिसका वीडियो सामने आने के बाद पाकिस्तानी सेना के अंदर खलबली मच गई थी और इसका खासा विरोध हुआ था. इसके अलावा टीटीपी ने राजनेताओं की हत्या करके पाकिस्तान को अस्थिर करने का काम भी किया है. इसके सदस्यों ने कई आत्मघाती बम विस्फोट किए.
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मलाला यूसुफजई पर भी किया था हमला
यह आतंकवादी समूह पाकिस्तान में कुछ सबसे खूनी हमलों के लिए जिम्मेदार है, जिसमें चर्च, स्कूल और मलाला यूसुफजई की शूटिंग शामिल है. मलाला पर 2012 में हमला हुआ था, जिसमें वह बाल-बाल बच गई थी. मलाला को महिलाओं की शिक्षा से इनकार करने के तालिबान के प्रयासों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए निशाना बनाया गया था.
अफगानिस्तान देता है टीटीपी को बढ़ावा
2021 में अफगानिस्तान में जब तालिबान का कब्जा हुआ तो उसने टीटीपी को प्रोत्साहित किया. उसे बढ़ावा दिया. आलम यह है कि टीटीपी के कई नेता और लड़ाके अफगानिस्तान में छिपे हुए हैं. इसके बाद से टीटीपी आतंकवादी संगठन ने नवंबर 2022 से पाकिस्तानी सैनिकों और पुलिस पर हमले तेज कर दिए हैं.
काबुल ने की हमले की निंदा
काबुल में अफगान रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तानी हवाई हमलों की निंदा करते हुए कहा कि बमबारी में महिलाओं और बच्चों सहित नागरिकों को निशाना बनाया गया. इसमें ज्यादातर पीड़ित वजीरिस्तान क्षेत्र के शरणार्थी थे. यह क्रूर कृत्य है.
X पर अफगान रक्षा मंत्रालय ने कहा, "इस्लामिक अमीरात इस कायरतापूर्ण कृत्य को अनुत्तरित नहीं छोड़ेगा, बल्कि अपने क्षेत्र और क्षेत्र की रक्षा को अपना अपरिहार्य अधिकार मानता है. "
बता दें कि यह हमला अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद सादिक की काबुल यात्रा के कुछ घंटों बाद हुआ. इस यात्रा में उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने और संबंधों को बेहतर बनाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.